अर्थव्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि देश की जीडीपी दो साल के निचले स्तर पर आ गई है और बेरोजगारी रिकॉर्ड पर है।
देश में अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कांग्रेस संसद राहुल गांधीन ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट दो साल में सबसे निचले स्तर 5.4% पर आ गई है। साथ ही राहुल ने बेरोजगारी के 45 सालों के रिकॉर्ड पर होने की बात भी कही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के समृद्ध न होने पर राहुल ने इसका कारण केवल गिने-चुने अमीरों तक सीमित लाभ को बताया है। अपनी बात को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के ज़रिए साझा करते हुए राहुल का कहना है- “भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट दो साल में सबसे नीचे 5.4% पर आ गई है, बात साफ है भारतीय अर्थव्यवस्था तब तक तरक्की नहीं कर सकती जब तक इसका फ़ायदा सिर्फ़ गिने-चुने अरबपतियों को मिल रहा हो और किसान, मज़दूर, मध्यमवर्ग और गरीब तरह-तरह की आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हों।”
राहुल गाँधी ने वर्तमान हालात का ब्यौरा देते हुए भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरी चिंता जताई है और सरकार से सवाल किया कि ऐसे में नई नौकरियों के अवसर कैसे बनेंगे जब देश की जीडीपी दो साल के निचले स्तर पर आ गई है।
अपनी बात रखने के लिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने तथ्यों के साथ आंकड़े पेश किए हैं। राहुल का कहना है कि खुदरा महंगाई दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई है।
आगे उन्होंने रसोई की कीमतों के हवाले से कहा कि पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष आलू और प्याज़ की क़ीमत लगभग 50% बढ़ गई है।
भारतीय मुद्रा की अंतर्राष्ट्री करेंसी में कीमत का खुलासा करते हुए राहुल ने बताया कि रुपया 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। आगे उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी पहले ही 45 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है।
राहुल ने अपनी बात में कई क्षेत्रों को समेटा और कहा पांच सालों में मज़दूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आमदनी या तो ठहर गई है या काफी कम हो गई है। उनका कहना है कि आमदनी की कमी से मांग कम हुई है।
राहुल ने महंगाई के नाम पर बढ़े कर के हवाले से राहुल ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स का हिस्सा पिछले 10 सालों में 7% कम हुआ है, जबकि इनकम टैक्स 11% बढ़ा है। उनके मुताबिक़, ऐसे में दस लाख से कम क़ीमत वाली कारों की बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 50% से कम हो गई है, जो 2018-19 में 80% थी।
इसी क्रम में सस्ते घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 22% होने की बात भी राहुल ने कही। उन्होंने बताया कि पिछले साल यह आंकड़ा 38% था।
डिमोनेटाइजेशन का मुद्दा शामिल करते हुए राहुल ने नोटबंदी और जीएसटी से प्रभावित अर्थव्यवस्था का भी ज़िक्र किया और कहा कि इससे मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा घटकर 50 वर्षों में सबसे कम मात्र 13% रह गया है।
इन हालात का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए राहुल गाँधी ने सरकार से सवाल किया कि ऐसे में नई नौकरियों के अवसर कैसे बनेंगे?