वाशिंगटन: 2017 के बाद से इस महीने सूर्य की सतह पर ज्वालाएं तेज होने की जानकारी मिली है। इसके कारण दुनिया भर में रेडियो संचार प्रभावित हुआ है।
सौर ज्वालाओं का प्रभाव दुनिया के उन क्षेत्रों में महसूस किया गया, जहां सूरज की रोशनी अधिक रहती है।
नासा के टेलीस्कोप द्वारा सौर ज्वाला की तस्वीर ली गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह 2017 के बाद से सबसे बड़ी सौर ज्वाला है।
पिछले सप्ताह सौर ज्वाला के कारण धरती के कई हिस्सों में दो घंटे तक रेडियो संचार बाधित होने की ख़बरें सामने आयी थीं। अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र से मिली जानकारी में भी बताया गया है कि कई पायलटों ने संचार में व्यवधान की सूचना दी थी।
Nasa images show ‘amazing’ solar flare that caused radio interference on Earth https://t.co/J0ANVN4ulH
— Guardian Australia (@GuardianAus) December 15, 2023
अमरीकी मीडिया के मुताबिक, कुछ दिन पहले अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की दूरबीन ने सौर ज्वालाएं देखीं। स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीएस) का कहना है कि उपरोक्त घटना इतिहास की कुछ प्रमुख सौर रेडियो घटनाओं में से एक है। जिसके कारण हवाई यातायात नियंत्रण संगठनों में रेडियो संचार प्रभावित हुआ। दूसरी ओर, एसडब्ल्यूपीएस सूर्य की सतह से पृथ्वी की ओर संभावित प्लाज्मा डिस्चार्ज की भी जांच कर रहा है।
नासा ने अपने बयान में कहा कि सौर ज्वालाएं न केवल रेडियो संचार, बल्कि इलेक्ट्रिक पावर ग्रेड और नेविगेशन सिग्नल को भी प्रभावित कर सकती हैं। जानकारी में ये भी बताया गया है कि इससे विमान और अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरा हो सकता है।
एजेंसी ने यह भी कहा कि सौर ज्वालाओं का प्रभाव संयुक्त राज्य अमरीका सहित दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी महसूस किया गया, जहां सूरज की रोशनी अधिक रहती है।