ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। रानी पिछले साल अक्टूबर से स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थीं, जिससे उनका चलना और खड़ा होना मुश्किल हो गया था। ग्रेट ब्रिटेन की रानी की मृत्यु के बाद से उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स को आधिकारिक तौर पर किंग चार्ल्स III की उपाधि दी गई।
महारानी के निधन पर दस दिनों का शोक घोषित किया गया है।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद बकिंघम पैलेस में ब्रिटिश ध्वज को झुका दिया गया है। महारानी का अंतिम संस्कार लंदन ब्रिज के विशेष अभियान के तहत किया जाएगा।
महारानी के ताबूत को शाही ट्रेन से लंदन के सेंट पैनक्रास रेलवे स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां से इसे बकिंघम पैलेस लाया जाएगा।
The Queen died peacefully at Balmoral this afternoon.
The King and The Queen Consort will remain at Balmoral this evening and will return to London tomorrow. pic.twitter.com/VfxpXro22W
— The Royal Family (@RoyalFamily) September 8, 2022
दस दिन बाद रानी का अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एब्बे में होगा।अंतिम संस्कार में दो मिनट का मौन रखा जाएगा, महारानी को विंडसर में किंग जॉर्ज VI मेमोरियल चैपल में दफनाया जाएगा।
अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहेगा। लंदन स्टॉक एक्सचेंज सहित बैंक और सभी महत्वपूर्ण संस्थान बंद रहेंगे।
इससे पहले बकिंघम पैलेस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, डॉक्टरों ने महारानी एलिजाबेथ के स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त की थी और डॉक्टरों ने उन्हें निगरानी में रखने का निर्देश दिया था।
महारानी की अस्वस्थता की खबर सुनकर प्रिंस चार्ल्स और प्रिंस विलियम ड्यूक उनके पास पहुंचे। 1936 में अपने चाचा के बाद एलिजाबेथ द्वितीय सिंहासन की उत्तराधिकारी बनीं।
महारानी के परिवार में उनके 4 बच्चे, 8 पोते और 12 परपोते हैं।रानी 600 से अधिक चैरिटीज़ की सरपरस्ती कर रही थीं, ग्रेट ब्रिटेन की रानी 15 देशों सहित 54 देशों के राष्ट्रमंडल की प्रमुख भी थीं।
बकिंघम पैलेस के एक बयान के अनुसार किंग चार्ल्स अपना नाम बदलने की शक्ति का प्रयोग कर सकेंगे। वे किंग आर्थर, किंग फिलिप या किंग जॉर्ज नामों में से किसी एक को चुन सकते हैं।
घोषणा के अनुसार, प्रिंस विलियम और राजकुमारी केट ड्यूक एंड डचेस ऑफ कॉर्नवाल होंगे।