लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जिन 12 जिलों में रविवार को मतदान होना है वहां के बारे में यह कहा जा सकता है कि इस बार मुकाबला समाजवादी पार्टी बनाम समाजवादी पार्टी होगा. Prestige
उसकी वजह यह है कि मुलायम सिंह-अखिलेश यादव का गढ़ इटावा, मैनपुरी, एटा कन्नौज और औरैया में भी चुनाव इसी दिन होना है.
राजधानी लखनऊ में भी लोग रविवार को ही नेताओं की किस्मत का फैसला करेंगे.
जिन 12 जिलों में चुनाव होने हैं वह हैं सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, हरदोई और फर्रुखाबाद. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन इतना अच्छा रहा था उसे दोहरा पाना अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
रविवार को जिन 69 सीटों पर चुनाव होना है उनमें से 55 सीटें अकेले समाजवादी पार्टी ने जीत ली थीं. बीएसपी को 6 सीट मिली थी और बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिल पाई थी.
दो सीटें कांग्रेस को मिली थी जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता था. इस चुनाव में अखिलेश यादव के लिए ये बड़ी चुनौती होगी वो अपने पिछले आंकड़े तक पहुंच पाते हैं या नहीं.
क्योंकि माना जा रहा है कि इन इलाकों में मुलायम सिंह यादव की अच्छी पकड़ है, लेकिन पिछले दिनों पार्टी में जो कुछ हुआ उससे चुनाव परिणाम पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
रविवार को ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की किस्मत का फैसला लखनऊ कैंट में होगा तो बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बृजेश पाठक लखनऊ मध्य से किस्मत आजमाएंगे.
कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया बाराबंकी से मैदान में हैं तो समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल हरदोई से वोटरों का आशीर्वाद मांग रहे हैं.