नई दिल्ली, 19 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर आज देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले के मुकाबले कृषि बजट 5 गुना बढ़ाया गया है।
उत्तर प्रदेश में कई योजानाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ये ऐलान किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- “मैंने अपने पांच दशकों के कामकाज के दौरान किसानों की मुश्किलें देखी हैं। जब देश ने मुझे प्रधान मंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
अपनी बात में पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात सालों में देश में कृषि के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है और इससे कृषि उत्पादन में सुधार करने में मदद मिली है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान किसानों को मुआवजे के तौर पर 1 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा बीमा और पेंशन भी प्रदान किए गए. उन्होंने कहा कि किसानों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया गया।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है और एमएसपी भी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि देश में सूक्ष्म सिंचाई कोष को भी दोगुना किया गया है. पीएम ने कहा कि किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए फसल ऋण भी दोगुना कर दिया गया है।