नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में पार्टी सदस्यों की उपस्थिति कम रहने और कई बार कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीखे तेवर दिखाते हुए भाजपा सदस्यों से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. Pm
भाजपा संसदीय दल की बैठक में छह अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस समारोह को जोरशोर से मनाने पर जोर दिया गया.
प्रधानमंत्री ने पार्टी सदस्यों से कहा कि वे सरकार के लोक कल्याण कार्यक्रमों, नीतियों और विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं और इन योजनाओं के लाभ से लोगों को अवगत करायें.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान संसद में पार्टी सदस्यों की उपस्थिति का भी जिक्र आया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे सब कुछ कर सकते हैं लेकिन पार्टी सांसदों की हाजिरी नहीं बना सकते है.
यह पार्टी सदस्यों को ही सुनिश्चित करना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अचानक कभी भी किसी सांसद को बुला सकते हैं. सू़त्रों के अनुसार अगर सांसद संसद सत्र के दौरान सदन में मौजूद हैं तो उन्हें उपस्थित माना जायेगा और अगर वह लॉबी में हैं तब उन्हें गैर हाजिर माना जायेगा. प्रधानमंत्री अगर दिल्ली से बाहर हैं तब वह किसी अधिकारी के माध्यम से किसी भी सांसद से बात कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री की यह तल्ख टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब लोकसभा में कई मौकों पर कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति उत्पन्न हो गई. राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विचित्र स्थिति देखने को मिली जब कई मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद नहीं थे.
इस स्थिति पर सभापति हामिद अंसारी ने जहां अप्रसन्नता जतायी वहीं विपक्ष ने सरकार पर चुटकी ली. संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) के विषय का भी जिक्र किया और कहा कि केवल संसद में कानून बनाने से मकसद हल नहीं होगा, लोगों को इसके फायदे के बारे में जानकारी देने की जरूरत है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद के दोनों सदनों में कोरम नहीं पूरा होने का विषय उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विषय सांसदों से सदन में मौजूद रहने का आग्रह करने का नहीं है बल्कि यह उनकी बुनियादी जिम्मेदारी है.
इस अवसर पर उन्होंने आरएसएस के एक पदाधिकारी की उक्ति को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि संघ के कार्यकर्ताओं को काफी काम हैं लेकिन शाखा में जाने के लिए समय नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह से ऐसा लगता है कि सांसदों को काफी काम हैं लेकिन संसद में हिस्सा लेने के लिए समय नहीं है. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए.