जलवायु शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री: भारत 2070 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाएगानई दिल्ली, 02 नवंबर: ग्लासगो के COP26 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सहित सभी विकासशील देशों की आवाज उठाते हुए कहा कि मेरी बातें, सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य का जयघोष हैं। उन्होंने हिंदी में संबोधन करते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पंचामृत का फॉर्मूला प्रस्तुत किया।
अपनी बातों में उन्होंने बताया –
० आज विश्व की आबादी का 17 प्रतिशत होने के बावजूद, जिसकी emissions में Responsibility सिर्फ 5 प्रतिशत रही है, उस भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करके दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
० भारत जैसा विकासशील देश, जो करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में जुटा है, जो करोड़ों लोगों की सुलभ जीवन देने पर रात-दिन काम कर रहा है
० आज भारत installed renewable energy capacity में विश्व में चौथे नंबर पर है
० विश्व की पूरी आबादी से भी अधिक यात्री, भारतीय रेल से हर वर्ष यात्रा करते हैं।इस विशाल रेलवे सिस्टम ने अपने आप को 2030 तक ‘Net Zero’ बनाने का लक्ष्य रखा है। अकेली इस पहल से सालाना 60 मिलियन टन एमिशन की कमी होगी
० सोलर पावर में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में, हमने International Solar Alliance की पहल की। क्लाइमेट एडाप्टेशन के लिए हमने coalition for disaster resilient infrastructure का निर्माण किया है।
क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अमृत तत्व दिए
० भारत, 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा।
० भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत energy requirements, renewable energy से पूरी करेगा।
० भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा।
-० 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा।
० वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।
इससे पहले पीएम ने कहा था कि यह भारत की तरह ही, अधिकांश विकासशील देशों के लिए क्लाइमेट चेंज कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। फसल के पैटर्न में बदलाव, बेमौसम बारिश और बाढ़ या बार-बार आने वाली आंधी से फसलें नष्ट हो जाती हैं।