जापान की राजधानी टोक्यो में इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक से सम्बंधित एक आयोजन है। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे।इसके लॉन्च की बात अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा कही गई थी। इस सम्बन्ध में जापान की राजधानी टोक्यो में इससे जुड़ा एक आयोजन किया जा रहा है। ये क्वाड समिट से पहले आयोजित किया गया है।
इस टोक्यो में इंडो-पैसेफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क में जापान और अमेरिका सहित दुनिया के 13 देश शामिल होंगे। इस आयोजन के ज़रिये 21वीं सदी में पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने पर बात की जाएगी।
इसके साथ ही इंडो पैसेफिक रीजन में अपने सहयोगी देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हो सकेगी। इस संगठन के माध्यम से डिजिटल इकॉनमी, सप्लाई चेन, कार्बन उत्सर्जन में कमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य जरूरी मुद्दों पर साझा प्रयास पर भी काम किया जायेगा।
इसके माध्यम से इन्फ्रास्ट्रक्चर, कारोबार की नीतियों, सप्लाई चेन, और कार्बन उत्सर्जन जैसे मसलों पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा टैक्स और ऐंटी-करप्शन के मुद्दों को भी इसमें शामिल किया जायेगा। इसके तहत सदस्य देशों को इस मॉड्यूल के साथ जुड़ना होगा। हालांकि उनके लिए संगठन के तहत तय हर मुद्दे पर सहभागिता अनिवार्य नहीं।
इस संगठन का चीन हिस्सा नहीं है। फिलहाल जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मंगोलिया, सिंगापुर, ताइवान जैसे देश इसका हिस्सा होंगे। भारत के भी इसमें शामिल होने की आशंका है। जानकारों के मुताबिक़ इस संगठन के जरिए अमेरिका एक बार फिर से भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अपने सहयोगियों के बीच साख बनाना चाहता है।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय में ट्रांस पैसेफिक पार्टनरशिप वापस लेने के बाद से ही अमेरिका एशियाई देशों से आर्थिक तालमेल की कमी महसूस कर रहा था। दूसरी ओर चीन लगातार आक्रामक रुख अपनाये हुए है। चीन के इकनॉमिक वारफेयर ने भी अमेरिका को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में अमरीका अपनी मज़बूती बनाये रखने के लिए इस फ्रेमवर्क पर काम करना चाहता है।