रसोई में प्रयोग होने वाले स्पंज से लेकर कार की सीटों तक, पेट्रोलियम आधारित फोम आधुनिक जीवन में हर जगह मौजूद हैं। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अब इस जीवाश्म ईंधन पर निर्भर सामग्री को एक अप्रत्याशित विकल्प के साथ बदलने का एक तरीका खोज लिया है। जिसे पूरा करने के लिए देवदार के पेड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वैज्ञानिकों ने चीड़ के पेड़ की सामग्री से एक पर्यावरण अनुकूल सामग्री बनाई है। इसके बारे में कहा गया है कि यह पॉलीयूरेथेन फोम में पाए जाने वाले पेट्रोलियम आधारित रसायनों का विकल्प हो सकती है।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पर्यावरण अनुकूल लिग्निन (Lignin) बनाया है जो जीवाश्म ईंधन आधारित 20 प्रतिशत रसायनों का स्थान ले सकेगा। यह पर्यावरण अनुकूल फोम पारंपरिक पॉलीयूरेथेन फोम जितना ही मजबूत और लचीला है।
शोधकर्ताओं ने चीड़ की लकड़ी से बेहतरीन क्वालिटी वाले लिग्निन को निकालने के लिए पर्यावरण-अनुकूल तरीका खोजा है। इसे फर्नीचर कुशन से लेकर पैकेजिंग सामग्री तक के उत्पादों में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए उचित माना जा रहा है।
इस खोज से पर्यावरण अनुकूल फोम के निर्माण को संभव बताया जा रहा है। इसका उपयोग रसोई के स्पंज, फोम कुशन, कोटिंग्स, चिपकाने वाले पदार्थ, पैकेजिंग और इन्सुलेशन में किया जा सकता है।
बताते चलें कि साल 2022 में वैश्विक पॉलीयूरेथेन बाजार का मूल्य 75 बिलियन डॉलर से अधिक था। ऐसे में बाजार के लिए यह खोज एक महत्वपूर्ण समय पर आई है, क्योंकि निर्माता पेट्रोलियम आधारित उत्पादों के लिए स्थायी विकल्प तलाश रहे हैं, जिन्हें विघटित होने में सदियाँ लग सकती हैं।