अध्ययन में यह भी पुष्टि की गई है कि कोरोना रोधी टीका ने न सिर्फ लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित कर संक्रमण से बचाव किया है, बल्कि जिन लोगों में पोस्ट कोविड की आशंका थी उनमें से 39 फीसदी लोगों में टीका की बदौलत लक्षण नहीं हावी हो पाए।
कोविड संक्रमण ने लोगों के जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। बीमारी से रिकवर हुए लोग आज डेढ़ दो साल बाद भी किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं। थोड़ा भी श्रम करने पर ये लोग बेहद थकन महसूस करते हैं। इस सम्बन्ध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पोस्ट कोविड स्थिति पर एक सर्वे के माध्यम से प्राप्त जानकारी को डोवप्रेस मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया।
अध्यन से पता चलता है कि अस्पताल में भर्ती हुए मरीज ट्रीटमेंट के बाद एक साल गुज़र जाने के बावजूद पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए हैं। इन लोगों को मात्र 400 – 500 मीटर की दूरी तय करने पर जो थकान होती है उतनी दो सालनहीं होती थी। इसके अलावा नहीं, कई लोग अनिद्रा, बाल झड़ना, सांस फूलना, घुटनों में दर्द, जोड़ो की समस्या से परेशान हैं।
अलग-अलग राज्यों से 1,800 से ज्यादा मरीजों से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया और उनसे सवाल पूछे गए। इनमे 39 प्रतिशत लोगों में टीका की बदौलत लक्षण हावी नहीं हो पाए और ये लोग पोस्ट कोविड की स्थिति में आने से बच सके।
डॉक्टरों की टीम ने इस अध्ययन में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित देश के अलग-अलग हिस्सों से मरीजों का चयन किया है। इन लोगों से उनकी दैनिक दिनचर्या के बारे में बातचीत की तो पता चला कि 2020 और 2021 के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। वे कोरोना से ठीक तो हो गए लेकिन अभी भी आठ घंटे की नौकरी कर पाना उनके लिए काफी कठिन है।
कोविड मरीज़ों की दशा जानने के लिए एम्स में किया गया ये अध्यन यहाँ के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की निगरानी में हुआ, जिसमें अलग-अलग राज्यों से 1,800 से ज्यादा मरीजों का चयन किया गया। इन मरीजों से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया और उनकी वर्तमान दिनचर्या के बारे में कुछ सवाल पूछे गए।
इन सवालों के जवाब में इसमें 79.3 फीसदी लोगों ने थकान और 33.4% लोगों ने जोड़ो के दर्द की समस्या बताई। बालों के झड़ने की शिकायत 28.0% लोगों ने की जबकि वात रोग से 29.9% मरीज़ों ने अपनी समस्या दर्ज कराइ। सिरदर्द की शिकायत 27.2% लोगों ने की जबकि 25.3% लोगों ने सांस फूलना और 25.30 फीसदी लोगों ने अनिद्रा की समस्या के बारे में जानकारी दी।
अध्यन में ये बात भी निकल कर सामने आई कि कोरोना रोधी टीके ने न सिर्फ लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित करते हुए संक्रमण से बचाया बल्कि जिन लोगों में पोस्ट कोविड की आशंका थी उनमें से करीब 39 प्रतिशत लोगों में टीका की बदौलत लक्षण हावी नहीं हो पाए और ये लोग पोस्ट कोविड की स्थिति में आने से बच सके।