25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2011 में मनाया गया।
निर्वाचन आयोग द्वारा इस दिवस को मनाए जाने का मक़सद, देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करना था, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी हो।
मतदान दिवस बनाने का मुख्य कारण यह भी है कि लोगो को मतदान का महत्व बताया जाए ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो और सही उम्मीदवार को चुने, जिससे हमारे देश का विकास एक सुविचारित दिशा में हो सके।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के साथ पिछले एक दशक में छेड़छाड़ किये जाने का दावा दिया और कहा कि आज जिस तरह से आयोग काम कर रहा है, वह संविधान का मजाक एवं मतदाताओं का अपमान है।
मतदाता दिवस पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने लिखा- ‘‘भले ही हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाते हैं, लेकिन पिछले दस वर्षों में भारत के निर्वाचन आयोग की संस्थागत ईमानदारी का लगातार होता क्षरण गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी दावा किया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के हाल के विधानसभा चुनावों को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं पर आयोग का रुख आश्चर्यजनक रूप से पक्षपात से भरा रहा है।
जयराम रमेश ने यह दावा भी किया- ‘‘आज ख़ुद को खूब बधाइयां दी जाएंगी, लेकिन इससे यह तथ्य सामने नहीं आएगा कि आज जिस तरह से निर्वाचन आयोग काम कर रहा है वह संविधान का मज़ाक और मतदाताओं का अपमान है।”