रेलवे एक बड़े बदलाव के तहत यात्रियों को केवल कंफर्म टिकट मुहैया कराने की तैयारी में है। रेलगाड़ियों में मुसाफिरों की भारी भीड़ के चलते सीट की समस्या से बचाने के लिए भारतीय रेल तैयारी कर रही है।
हाल के वर्षों में खासकर त्योहारों के दिनों में यूपी-बिहार जैसे मार्ग पर तो यह समस्या हर दिन गंभीर होती जा रही है। ऐसे में ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे।
इसका अर्थ है कि ट्रेन में जितनी सीटें होंगी, उतनी ही टिकटें बेची जाएंगी। इसका उद्देश्य ट्रेन में कंफर्म सीट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को वेटिंग टिकट वाले यात्रियों के कारण होने वाली असुविधा से बचाना है।
इसके दूसरे पहलू पर ध्यान दें तो मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ने से टिकटों की उपलब्धता कम हो सकती है। ऐसे में जहाँ एक ओर यह नियम यात्रियों को सुविधा का अनुभव कराएगा वहीँ अब टिकट पाना और भी मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा भारतीय रेल में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना भरना होगा। इस दशा में अगर यात्री के पास जुर्माना भरने की राशि नहीं है तो ऐसी स्थिति में यात्री को रेलवे सुरक्षा बल को सौंप दिया जाएगा। रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
रेलवे सुरक्षा बल इन पकड़े गए यात्रियों को रजिस्ट्रार के सामने पेश करता है। यहाँ उन पर 1000 रुपये का जुर्माना लगता है और जुर्माना नहीं भरने पर 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
इसके अलावा रेल मंत्री ने कई बड़ी और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आजादी के बाद साल 2014 तक भारत के रेल नेटवर्क में कुल 125 किमी टनल थे, जबकि 2014 के बाद से लेकर आज तक 460 किमी नई टनल्स बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के फ्लीट में आज 56 हजार जनरल और स्लीपर कोच हैं जबकि एसी कोच की संख्या 23 हजार हैं।
लोकसभा में दिए अपने जवाब में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे सेफ्टी पर बहुत फोकस है। कई टेक्निकल बदलाव किए गए हैं। लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम उठाकर भारतीय रेल में लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
आगे उन्होंने बताया कि भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच निर्यात करने के अलावा देश यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच और मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशनल इक्विपमेंट एक्सपोक्ट कर रहा है।
अपने जवाब में उन्होंने जल्द ही बिहार के लोकोमोटिव और तमिलनाडु में बने पहिए दुनियाभर में दौड़ेंने की बात भी कही।