चांदी की खरीद-फरोख्त करने वालों के लिए अच्छी खबर है। इस समय चांदी की भी हॉलमार्किंग पर काम चल रहा है। इस योजना के साथ चांदी के कारोबार में भी खरापन आ जाएगा। सरकार इस बात को लेकर काफी गंभीर है।
सोने की हॉलमार्किंग की तरह ही अब चांदी की भी हॉलमार्किंग हो सकेगी। केंद्र सरकार की ओर से चांदी की भी हॉलमार्किंग पर सरकार योजना बना रही है। हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) सिस्टम लागू किये जाने के बाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अब चांदी से बने सामान पर हॉलमार्किंग लागू करने की योजना बना रहा है।
खबर के मुताबिक़, चांदी खरीद फरोख्त के लिए सोने के 6 अंकों के अल्फान्यूमैरिक कोड यानी हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) की ही तरह चांदी पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया चालू की जा सकती है।
सिल्वर हॉलमार्किंग होने के बाद ग्राहक को चांदी की शुद्धता की गारंटी मिल सकेगी। खबर है कि चांदी के खरेपन की गारंटी देने के लिए सरकार द्वारा सोने की ही तरह हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) अनिवार्य किया जा सकता है।
बताते चलें कि यूनीक आईडी भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की तरफ से सत्यापित छह अंक वाला कोड होता है, इसे किसी भी ज्वेलरी पर दोहराया नहीं जा सकता है।
बीआईएस के प्रमाणीकरण के बाद यदि किसी उपभोक्ता को ज्वैलरी की शुद्धता को लेकर संशय है तो वह उस स्पेशल आईडी से कानूनी मदद ले सकता है।
सीएनबीसी के हवाले से मिली एक खबर में यह जानकारी दी गई है। हालांकि इसको लेकर अभी चर्चा चल रही है और सरकार की ओर से जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।
अभी इसे लागू करने से जुडी कुछ मुश्किलें हैं। चांदी पर्यावरणीय कारकों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है। जिससे चांदी पर HUID लिखने पर ये हॉलमार्किंग आसानी से मिट जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए कई तकनीकी पहलुओं पर काम जारी है।
रिपोर्ट से पता चला है कि चांदी की सतह पर उभरा हुआ HUID हवा में मौजूद कैमिकल के साथ रिेएक्शन करके गायब हो जाने की समस्या के चलते इस काम में रुकावट आई है।