केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए छात्रों को अब सीयूईटी यानी विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा से गुज़ारना होगा। सीयूईटी का आयोजन जुलाई के पहले सप्ताह में किया जाएगा। यह नियम 2022-23 शैक्षणिक सत्र से शुरू से लागू होंगे।
इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने दी। इसी के साथ सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक दाखिले के लिए अब बोर्ड परीक्षा यानी 12वीं में प्राप्त अंकों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। यह नियम 2022-23 शैक्षणिक सत्र से शुरू से लागू होंगे। हालांकि विश्वविद्यालयों को बोर्ड एग्जाम के मार्क्स पर न्यूनतम पात्रता निर्धारित करने की अनुमति होगी।
CUET 2022: एनसीईआरटी के सिलेबस से आएगा सीयूईटी का पेपर, छह सब्जेक्ट चुनने का मिलेगा विकल्प#CUET #CUET2022 #NTAhttps://t.co/64rCfBMiRK
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) March 21, 2022
इसके अलावा जो स्टेट यूनिवर्सिटी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी सीयूईटी को अपनाना चाहते हैं, वे इस एंट्रेंस टेस्ट में प्राप्त अंकों के साथ 12वीं के अंकों को भी आधार बना सकते हैं।
अध्यक्ष ने ये भी बताया कि छात्रों के पास अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में परीक्षा देने का विकल्प रहेगा। यूजीसी अध्यक्ष ने ये जानकारी भी दी कि सीयूईटी का विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीति पर कोई असर नहीं होगा।
स्नातक परीक्षाओं की इस शुरुआत पर कई शिक्षकों व शिक्षाविदों का मानना है कि समान सुविधाओं और साधन के अभाव में पिछड़े और कमज़ोर वर्ग से आने वाले छात्रों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस छात्रों को आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए एक और परीक्षा की तैयारी से गुज़ारना होगा। ऐसे में शिक्षा का व्यापार करने वाले कोचिंग केंद बढ़ेंगे। पास किये जाने के नाम पर छात्र इन महंगे-महंगे कोचिंग सेंटर की फीस जुटाने में समर्थ छात्र ही उत्तीर्ण हो सकेंगे।