नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मेरठ, लखनऊ और पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रैलियां करके नोट बंदी के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करने की तैयारी कर ली है। केजरीवाल ने कहा कि इसका सपोर्ट करना राष्ट्र विरोधी है। केजरीवाल शनिवार को फेसबुक पर शाम 7 बजे लोगों को सीधे संबोधित करेंगे और पीएम के खिलाफ डॉक्यूमेंट्स भी पेश करेंगे। Note ban
-आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की योजना पंजाब के साथ ही देश के कई दूसरे हिस्सों में भी ऐसी ही रैलियां करने की है।
-केजरीवाल 20 नवम्बर से 30 नवम्बर के बीच पंजाब में 21 रैलियों को संबोधित करेंगे। वह अपनी रैली की शुरूआत सुखबीर सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र जलालाबाद से करेंगे।
-पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
-आप के प्रवक्ता दीपक वाजपेयी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केजरीवाल मेरठ में 1 दिसंबर, वाराणसी 8 दिसंबर और लखनऊ 18 दिसंबर को रैलियां करेंगे।
-2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल वाराणसी से मोदी के खिलाफ खड़े हुए थे और बड़े अंतर से हार गए थे।
-केजरीवाल ने नोट बंदी का फैसला वापस लेने के लिए गुरूवार को केंद्र को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था।
-उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा कि वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से सलाह लेने के बाद वह अपने अगले कदम पर फैसला करेंगे।
-केजरीवाल ने कहा, 1000 और 500 के नोट को बैन करने के फैसले का मौजूदा स्वरूप में सपोर्ट करना राष्ट्र विरोधी है। यह आठ लाख करोड़ रुपए का आजाद भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है।
-बीजेपी की इस आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कि वह घोटाले की दागी तृणमूल कांग्रेस के साथ खड़े हो रहे हैं, केजरीवाल ने कहा कि वह चाहेंगे कि केंद्र मेरे और ममता बनर्जी सहित सभी के खिलाफ जांच करें, लेकिन उसे जांच करने से कौन रोक रहा है जबकि सभी एजेंसियों उसके अंडर हैं।
-इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, मैं बहुत दुखी हूं कि वित्तमंत्री ने इसकी समीक्षा करने और उसे वापस लेने पर विचार करने से सीधे मना कर दिया। लोगों से मोदी सरकार का संपर्क टूट गया है और वह बहुत असंवेदनशील बन गई है।