नई दिल्ली। फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन निको रोजबर्ग ने 2 दिसंबर को अचानक रिटायरमेंट की घोषणा करके सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही मैं एवरेस्ट चढ़ गया हूं। nico rosberg
मर्सिडीज के ड्राइवर निको रोसबर्ग तीन बार के चैंपियन लुइस हैमिल्टन को पछाड़कर 26 नवंबर को ही फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन बने हैं। अबु धाबी में हुई सीजन की आखिरी रेस में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल कर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत ली थी। इसके साथ ही रोसबर्ग ने अपने पिता केके की बराबरी कर ली, जो 1982 में विश्व विजेता बने थे।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस करके कहा कि यह खिताब जितना मेरा सबसे बड़ा सपना था।
निको रोसबर्ग ने अपने फेसबुक पर लिखा है ‘रेसिंग के 25 सालों में यह खिताब मेरा सपना था, मेरा एक ही सपना था फॉर्मूला रेस का विश्व चैंपियन बनना। कड़ी मेहनत, कई मुश्किलों और त्याग के बाद मैंने इसे हासिल किया है। मैंने अपना एवरेस्ट चढ़ लिया है। अब मैं अच्छा अनुभव कर रहा हूं। मैं उन सबका शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने मेरा साथ दिया और मेरे सपोर्ट में खड़े रहें।’
31 वर्षीय इस खिलाड़ी ने बताया कि ‘सुजुका’ में जीत हासिल करने के बाद से ही मैं रिटारयमेंट के बारे में सोचने लगा था। इस जीत के बाद से ही मेरे सामने बड़ा दवाब बनने लगा था और मैंने उसी समय सोच लिया था जैसे ही मैं विश्व खिताब जीत लूंगा मैं अपना करियर वहीं खत्म कर दूंगा।
उन्होंने सबसे पहले यह फैसला अपनी पत्नी और अपने मैनेजर को बताया था। इसकी बाद उन्होंने अपनी टीम को इसकी जानकारी दी।