मुंबई। भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने सवाल किया कि क्या देश को पिछले 70 वर्षों में वास्तव में आजादी मिली है। इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस अब पिकनिक डे बन गए हैं।
पार्टी ने कहा कि 1947 तक चुनौती गुलामी को हटाने की थी और 2017 में चुनौती स्वतंत्रता को संभालने की है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा, ऐसे कई सवाल हैं, जैसे देश को स्वतंत्रता का क्या और कितना लाभ हुआ, आम जनता तक यह आजादी कितनी पहुंची, आम लोगों की जिंदगी से गरीबी, अज्ञान, आर्थिक और सामाजिक विषमता दूर हुयी क्या क्या अंदरूनी और बाहरी दुश्मनों का खतरा टला।
पार्टी ने कहा कि आजादी के 71वें साल में प्रवेश करने के बाद भी गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 70 बच्चों की बेवजह मौत हो जाती है। कट्टर मुस्लिम नेता वंदे मातरम बोलने से इंकार कर देते हैं।
पार्टी ने नोटबंदी को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इस कदम से किसानों के साथ ही छोटे और बड़े कारोबारी, उद्योगपति प्रभावित हुए। पार्टी ने कहा कि नोटबंदी से न तो भ्रष्टाचार खत्म हुआ और न ही आतंकवाद सुस्त हुआ।
शिवसेना ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय त्योहार की बजाय पिकनिक डे बन गए हैं।)