वॉशिंगटन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने गुरुवार को धरती की कुछ नई तस्वीरें जारी की। रात के वक्त ली गई इन तस्वीरों में धरती की हर लोकेशन पर बसी आबादी को दिखाया गया है। Nasa global
इन्हें नाइट लाइट्स का नाम दिया गया, ये 2016 में ली गई थीं।
तस्वीरों में भारत बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है। इससे पहले 2012 में नाइट लाइट्स की तस्वीरें जारी की गईं।
नासा की अर्थ ऑब्जर्विंग सेटेलाइट डाटा एंड इन्फॉर्मेंशन सिस्टम में रोमन और उनके साथी इस नाइट टाइम डाटा को ग्लोबल इमेजरी ब्राउज सर्विस और वर्ल्डव्यू मैपिंग टूल के साथ एक करने की कोशिश कर रहे हैं।
ये तस्वीरें पिछले 25 साल से चल रही एक रिसर्च का हिस्सा हैं।
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के अर्थ साइंटिस्ट मिगुएल रोमन की रिसर्च टीम अब ऐसे प्लान पर काम कर रही है, जिसके जरिए नाइट लाइट्स की तस्वीरों को हर साल, हर महीने या हर दिन जारी किया जा सके।
2011 में NASA-NOAA सुओमी नेशनल पोलर ऑर्बिटिंग पार्टनरशिप (NPP) सेटेलाइट के लॉन्च होने के बाद से ही रिसर्चर्स नाइट लाइट्स के डाटा का अध्ययन कर रहे हैं।
एक ऐसे नए सॉफ्टवेयर डेवलेप करने की कोशिश की जा रही है, जिससे तस्वीरों को और साफ, सटीक और आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। रिसर्चर्स धरती की रात में ली गई हाई डेफिनेशन तस्वीरों को रोजाना उपलब्ध कराने की कगार पर पहुंच गए हैं।
सुओमी NPP डाटा इकट्ठा किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर सभी साइंटिस्ट के पास मौजूद रहता है। रात के वक्त की ज्यादा सटीक तस्वीरों के चलते नासा अब अपने यूजर्स को ऐसी सुविधा देने की कोशिश कर रहा है, जिससे उन्हें ये डाटा कलेक्ट होने के कुछ ही समय बाद मिल सके।
ये डाटा यूजर्स को मिलने से कम समय में मौसम की सटीक भविष्यवाणी, आपदा का पता लगाने और वक्त रहते कदम उठाने में काफी मदद मिल सकती है।
इन नए मैप्स में साल के हर महीने में लिया गया डाटा मौजूद है। टीम ने एक कोड इजाद किया, जिसके जरिए हर महीने सबसे ज्यादा साफ तस्वीरें ली गईं, जिसमें से चंद्रमा की रोशनी को भी हटा दिया गया।
सुओमी NPP धरती की हर लोकेशन को करीब 1.30PM से लेकर 1.30AM तक ऑब्जर्व करता है। इसमें धरती को एक पोल से दूसरे पोल तक, यानी करीब 3 हजार किलोमीटर की स्ट्रिप में ऑब्जर्व किया जाता है।
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