लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर परिवार में किसी भी तरह का विवाद होने से इनकार किया है। विपक्षी पार्टियां भले ही चाचा-भतीजे के झगड़े पर चुटकी लेती रहें, लेकिन सपा सुप्रीमो के मुताबिक परिवार में सब ठीक चल रहा है। शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुलायम ने कहा कि जब तीन पीढ़ियों से सपा परिवार में कोई विवाद नहीं हुआ तो फिर अब क्या होगा। mulayam singh yadav
मुलायम सिंह यादव ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सपा किसी से समझौता नहीं करेगी। वहीं, अखिलेश यादव को लेकर कहा, कि पिछले चुनाव में मेरे नाम पर वोट मांगा गया, लेकिन हमने अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया। मुलायम ने बातों बातों में ये भी बताया कि अखिलेश अपनी बुआ को बहुत मानते हैं। उसके पालन-पोषण में मेरी बहन का बहुत बड़ा हाथ रहा है। वे अपनी पहली पत्नी को याद करते हुए बोले कि अखिलेश की मां बहुत सीधी थी और उसने सबके लिए काफी कुछ किया।
कुनबे में मतभेद और रार को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि शिवपाल और अखिलेश की हर रोज़ बात होती है। आज भी शिवपाल, अखिलेश से मिलकर आए हैं। उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के प्रभारी और सबकुछ हैं। वहीं मुलायम ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका चुनाव विधानमंडल दल तय करेगा। इशारा साफ था कि अभी कोई चेहरा नहीं है। मुलायम का ये इशारा था कि इस बार का चुनाव भी उन्हीं के नाम पर लड़ा जाएगा। 2012 के चुनाव नतीजों और सरकार बनाने को लेकर मुलायम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा कोई जानता ही नहीं था। मेरे नाम पर चुनाव लड़ा गया और मेरे नाम पर वोट मिले थे। मैंने तो कलम घिसने से ऊबने के नाते अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया था।
गायत्री को बताया चमत्कार
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान मुलायम खुलकर बोलते नज़र आये। उन्होंने मंत्री गायत्री प्रसाद को निर्विवाद बताने के साथ ही उन्हें रजत जंयती समारोह का संयोजक बनाने का ऐलान किया। मुलायम बोले कि प्रजापति के मंत्री बनना समाजवादी पार्टी की सियासत का चमत्कार है। वो भी गायत्री ऐसे-वैसे नहीं बल्कि प्रभावशाली मंत्री और नेता बन चुके हैं।
पीएम ना बन पाने का दर्द छलका
इस दौरान मुलायम सिंह यादव को खुद के पीएम न बन पाने का दर्द एक बार फिर छलका। बताया कि उस वक्त उन्होंने देवगौड़ा के नाम का प्रस्ताव किया था। ज्योति बसु ने पहले अपने नाम का प्रस्ताव न स्वीकार कर मुलायम का नाम पीएम के लिए आगे बढ़ाया, लेकिन लालू ने उसका विरोध कर दिया था। मुलायम ने कहा कि, अब क्या कहें वो हमारे रिश्तेदार हैं। mulayam singh yadav
चुनाव को लेकर मुलायम सिंह यादव ने उम्मीद जतायी कि यूपी की जनता को सपा परिवार पर पूरा विश्वास है। पांच नवंबर को धूमधाम से पार्टी की रजत जंयती मनाएगी। उन्होंने कहा कि मामूली सी पार्टी को सबने मिलकर कहां से कहां तक पहुंचाया है। मुलायम बोले कि वक्त आने पर चुनावी रथ, साइकिल और हेलिकॉप्टर सब चलेगा। पार्टी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि स्थापना के 11 महीने के अंदर हमने सरकार बनाई। इतना ही नहीं रक्षामंत्री के तौर में मैंने जो किया लोग आज भी उसे याद करते हैं।
प्रेस कान्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये मुलायम सिंह यादव कॉमन सिविल कोड के सवाल पर भी खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि कामन सिविल कोड को लेकर कोई विवाद नहीं है। इस पर लोहिया ने सबसे पहले प्रस्ताव रखा था।
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