उत्तर प्रदेश में गर्मी इस समय अपने चरम पर है। सूबे का बुलंदशहर 48 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा। इन दिनों दिन के साथ रात का तापमान भी राहत देने वाला नहीं है।
इस बीच मौसम विभाग ने 31 मई या पहली जून को केरल में मानसून के प्रवेश की भविष्यवाणी की है, जिसके 18-20 जून तक उत्तर प्रदेश तक पहुंचने का अनुमान है।
29 वर्ष बाद लखनऊ का तापमान 45 डिग्री के पार हुआ। बीते दिन 30 मई को लखनऊ का पारा 45.01 दर्ज किया गया जबकि इससे पहले 31 मई 1995 को अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था ।
लखनऊ में बीते दिन यानी बृहस्पतिवार 30 मई को गर्मी ने 29 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे पहले लखनऊ का तापमान 45 डिग्री से ऊपर 31 मई 1995 को हुआ था। उस समय अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यहाँ रात का तापमान भी 32.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
विभाग का कहना है कि राज्य में कुछ इलाकों में बौछारें पड़ने के आसार हैं। इस बीच पूर्वी और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवा चल सकती है।
सख्त गर्मी के बावजूद मौसम विभाग द्वारा पारे में क्रमिक गिरावट की बात कही गई है जिससे कई और शहरों में तापमान में एक से दो डिग्री के बीच की गिरावट शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश में गर्मी से अब तक 166 मौतें हो चुकी हैं। प्रदेश के सबसे गर्म इलाके बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी में गर्मी और लू से 47 लोगों की मौत की खबर है। वाराणसी तथा आसपास के जिलों में 72 लोगों की गर्मी से मौत होने की खबर है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी में कहा गया है कि इससे पहले बुलंदशहर 1978 में गर्म हुआ था और उस समय तापमान 48.2 डिग्री पारा दर्ज हुआ था।
भीषण गर्मी की वजह से समूचे उत्तर भारत का जन जीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में बिजली और पानी की किल्लत भी लगातार बनी हुई है।