नई दिल्ली : जेएनयू से लापता छात्र नजीब अहमद के बारे में दिल्ली पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को दिए रिपोर्ट में बताया है कि नजीब गूगल और यूट्यूब पर दुनिया के खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के बारे में जानकारियां सर्च किया करता था. वह आईएस की विचारधारा, कार्यशैली और नेटवर्क के बारे में जानना चाहता था. Missing
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने नजीब अहमद के कमरे से एक लैपटॉप बरामद किया था. गूगल और यूट्यूब के ब्राउजिंग हिस्ट्री से पता चला कि वह आईएसआईएस से संबंधित जानकारियां सर्च किया करता था.
यूट्यूब पर उसने आईएस से संबंधित कई वीडियो देखे थे. वह जानना चाहता था कि आतंकी संगठन आईएस को कैसे ज्वाइन किया जाता है.
दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया है कि 14 अक्टूबर, 2016 की रात नजीब अहमद अपने कमरे में एक आईएसआईएस नेता का भाषण सुन रहा था. उसी वक्त ABVP के सदस्यों ने उसका दरवाजा खटखटाया और उनके बीच बहस हुई थी.
अगले दिन नजीब जेएनयू से लापता हो गया. कैंपस में लगे सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो रिक्शा से नजीब कहीं बाहर जाता दिखाई दिया.
वहीं, लाई डिटेक्टर टेस्ट मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने 27 मार्च तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास को सोमवार को आदेश देना था कि आरोपी छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होगा या नहीं, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आदेश सुरक्षित कर लिया कि आदेश अभी तैयार नहीं हुआ है. इस मामले में 15 मार्च को सुनवाई पूरी हुई थी.
दिल्ली पुलिस ने 23 जनवरी को जारी नोटिस में दावा किया था कि नजीब के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आरोपी छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराना जरूरी है.
आरोपी छात्रों ने यह टेस्ट करवाने से इनकार किया. वो इस मामले को अदालत में ले गए थे. उस वक्त आरोपी छात्रों के वकील ने बिना सहमति के होने वाले लाई डिटेक्टर टेस्ट को गैरकानूनी बताया था.
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