फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेट्टा ने एआई की बढ़ती लोकप्रियता के बाद अपने व्यक्तिगत एलएलएम सिस्टम के निर्माण का एलान कर दिया है।
वॉल स्ट्रीट जनरल के मुताबिक, यह एक नया तेज और शक्तिशाली एआई सिस्टम होगा। OpenAI के मुक़ाबले में मेटा इसे लोकप्रिय चैट, GPT से कहीं ज़्यादा बेहतर बना कर पेश करना चाहता है।
हालाँकि मेटा अपने मौजूदा लामा मॉडल पर निर्माण जारी रखेगा, इसमें आगे भी आधुनकिता पर फोकस रहेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे में जेनरेटिव एआई के क्षेत्र में प्रतियोगिता और बढ़ेगी।
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इस साल एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जिसमें मानवीय अभिव्यक्तियों की तर्ज़ पर एआई टूल विकसित करना शामिल है।
मेटा कथित तौर पर एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल को प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है, जिसके ओपनएआई के लेटेस्ट चैटबॉट जीपीटी-4 जितना पावरफुल होने की संभावना है।#Meta #ArtificialIntelligence #OpenAI #Chatbot pic.twitter.com/9Dylv32uRq
— IANS Hindi (@IANSKhabar) September 11, 2023
विश्लेषकों के मुताबिक, मार्क जुकरबर्ग जेनरेटिव एआई को लेकर काफी गंभीर हैं और इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। इस बीच उन्होंने मेटावर्स पर अपना फोकस कम कर दिया है।
एआई के कई पहलू हैं, लेकिन जेनरेटिव एआई ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। इसमें निर्देशों (संकेतों) के साथ आट्रिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा लेख लिखे जा सकते हैं, कविता रची जा सकती है, चित्र और यहां तक कि वीडियो भी बनाए जा सकते हैं। यही कारण है कि इसे जेनरेटिव एआई कहा जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मेटा के पास छवियों, ध्वनि, पाठ आदि का एक बहुत बड़ा डेटा सेट है, जिस पर मॉडल और एलएलएम बनाए जा सकते हैं।