सोमवार को अमरीका के अपने दूतावास को अतिग्रहित बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरित करने और ग़ज़्ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सैनिकों के हाथों फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार की निंदा में वॉशिंग्टन में सैकड़ों की संख्या में यहूदियों ने प्रदर्शन किया।
इरना के अनुसार, ये यहूदी वॉशिंग्टन में पेन्सिलवेनिया रोड पर स्थित ट्रम्प के होटल के सामने प्रदर्शन कर रहे थे और “हिंसा रोको” जैसे नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शन में शामिल बहुत से लोगों के लिबास पर लिखा था, “यहूदियों के भविष्य के लिए फ़िलिस्तीन की आज़ादी ज़रूरी है।”
इसी तरह प्रदर्शन में शामिल यहूदियों ने बैतुल मुक़द्दस में अमरीका के नए दूतावास को “अतिग्रहकारी दूतावास” की संज्ञा दी।
उधर ग़ज़्ज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी जनता ने सोमवार को अमरीकी दूतावास के बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरण और 15 मई को फ़िलिस्तीन के अतिग्रहण की बरसी पर भी प्रदर्शन किया।
ये प्रदर्शन ज़ायोनी सैनिकों के हमले के कारण हिंसक हो गए। ज़ायोनी सैनिकों के हाथों शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या बढ़ कर 58 हो गयी है जबकि घायलों की संख्या 2700 को पार कर गयी है।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 6 दिसंबर को क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक विरोध के बावजूद इस देश के दूतावास को अतिग्रहित बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरित करने और इस शहर को ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में मान्यता देने का एलान किया।
अमरीकी सरकार ने इस एलान को सोमवार 14 मई को व्यवहारिक किया।
ट्रम्प ने ऐसी हालत में अमरीकी दूतावास को बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरित किया है कि ट्रम्प के 6 दिसंबर के एलान के ख़िलाफ़ 21 दिसंबर 2017 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैतुल मुक़द्दस के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित हुआ था जिसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता नहीं देगा। इस प्रस्ताव के पक्ष में 128 और विरोध में 9 वोट पड़े थे जबकि 35 देशों ने भाग नहीं लिया था।