पश्चिम बंगाल में पहली बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने फैसला लिया है कि वह उन हिंदू पंडितों को वेतन देगा जो उसकी निगरानी में आने वाले सात श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करवाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि निकाय संस्था पुरोहितों को हर अंतिम संस्कार के 380 रुपये देगी।
यह कदम ऐसे समय पर लिया गया है जब हाल ही में चुनाव खत्म हुए हैं और भाजपा का हिंदुत्व एजेंडे ने तृणमूल कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी। इसके अलावा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा था। इसका पलटवार करते हुए बनर्जी ने अपनी धर्मनिरपेक्षता को दोहराया और बंगाल के हिंदू धर्म, संस्कृति और रिवाजों के बारे में बताया था।
हालांकि केएमसी का कहना है कि वेतन लोकसभा चुनाव से पहले देने का निर्णय लिया गया था। मेयर फिरहाद खान ने कहा, ‘हम इसे अब लागू कर रहे हैं। इन पुरोहितों की आय का कोई नियमित साधन नहीं है और वह पूरी तरह से शोक संतप्त परिवार द्वारा मिलने वाली राशि पर निर्भर करते हैं। उनकी मदद करने के लिए हमने प्रति शव के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें 380 रुपये देने का फैसला लिया है।’
डिप्टी मेयर अतिन घोष ने कहा, ‘अभी तक हमने 49 पुरोहितों की पहचान कर ली है जो वेतन के योग्य हैं। ममता बनर्जी की सरकार के अंतर्गत सभी वर्गों का ध्यान रखा जाता है।’ पुरोहितों ने इस कदम का स्वागत किया है लेकिन राज्य के भाजपा नेताओं ने इसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि राशि बहुत कम है और यह कदम काफी देरी से उठाया गया।