नई दिल्ली : ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. बीते 3 कारोबारी सत्रों में हुए इस इजाफे का सीधा असर देश में मध्यम आय वर्ग के परिवारों पर पड़ा जिसके लिए गैर-सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर में अबतक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की गई है. 1 मार्च से गैर-सब्सिडी रसोईं गैंस सिलेंडर की कीमत 86 रुपये के इजाफे के साथ 737.50 रुपये की हो गई है. Lpg
अक्टूबर 2016 के बाद से लगातार गैर-सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में इजाफा किया जा रहा है. पेट्रोल-डीजल की तरह देश में गैस की कीमत भी बाजार के हावले है.
प्रति महीने की पहली तारीख को ऑयल कंपनियां कच्चे तेल और गैस के ग्लोबल ट्रेड को देखते हुए अपने उत्पाद की कीमत में इजाफा या कटौती का ऐलान करती हैं.
बीते 6 महीने से गैस सिलेंडर की कीमत लगातार बढ़ा रही है. वजह खाड़ी देशों समेत क्रूड ऑयल प्रोड्यूसर देशों द्वारा कच्चे तेल के प्रोडक्शन में कटौती और कीमत में इजाफा है.
वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफे के चलते बीते 6 महीने के दौरान गैर-सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में 59 फीसदी इजाफा किया जा चुका है.
जहां दिल्ली में सितंबर 2016 में 14.2 किलो का एक एलपीजी सिलेंडर गैर-सब्सिडी सब्सक्राइबर को 466.50 रुपये में उपलब्ध था, वहीं अब इसकी कीमत 271 रुपये बढ़ाई जा चुकी है.
लेकिन सिलेंडर की कीमत में इजाफा होना इससे भी 4 महीने पहले शुरू हो गया था जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल ने निचले स्तर से कीमतों में इजाफा करना शुरू किया. लिहाजा, 1 मार्च को हुई बढ़ोतरी लगातार हो रही 10वीं बढ़ोतरी है.
केंद्र सरकार की GIVE IT UP योजना के तहत देश में 1 करोड़ से ज्यादा (1 करोड़ 5 लाख 14 हजार 559) लोग बीते दो साल के दौरान गैस पर सब्सिडी छोड़ चुके हैं.
इन लोगों से केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के हित में गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी जिससे सस्ती दरों में बीपीएल रेखा के नीचे लोगों को सब्सिडी सिलेंडर पहुंचाया जा सके.
केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने के लिए गरीबी रेखा के नीचे लोगों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए पहल योजना की शुरुआत की थी.
इस योजना के तहत केंद्र सरकार एक गैस सिलेंडर की रीटेल कीमत का एक निश्चित अंश ग्राहकों को सीधे पैसा ट्रांसफर करके देती है. सब्सिडी की यह रकम केंद्र सरकार और गैस कंपनियों के बीच आधी-आधी बंट जाती है.
अभी तक इस योजना के तहत 16.54 करोड़ लोगों को सब्सिडी दी जा रही है. वहीं इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार अभी तक 49 हजार 133 करोड़ 93 लाख रुपये का लाभ PAHAL धारकों तक पहुंचा चुकी है.
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