ब्रिटिश जहाज टाइटैनिक 15 अप्रैल, 1912 को अटलांटिक महासागर में डूब गया था। इस पर सवार जीवित बचे एक प्रमुख यात्री द्वारा लिखा गया पत्र नीलामी में 399,000 डॉलर में बिका। यह राशि 3.41 करोड़ रुपये होती है।
कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेसी का यह पत्र 10 अप्रैल 1912 को लिखा गया है। ग्रेसी साउथेम्प्टन में उस समय टाइटैनिक पर सवार हुए थे, जो उत्तरी अटलांटिक में डूबने से पांच दिन पहले की बात है। पत्र में ग्रेसी ने लिखा था कि वह ‘अच्छे जहाज पर फैसला देने से पहले अपनी यात्रा के अंत की प्रतीक्षा करेंगे।’
नीलामी घर हेनरी एल्ड्रिज एंड सन द्वारा संग्रहालय स्तर का बताया गया यह पत्र, संयुक्त राज्य अमरीका के एक निजी संग्रहकर्ता से प्राप्त किया गया था और एक कांटे की टक्कर देती बोली के बाद इसे शनिवार को खरीदा गया था।
टाइटैनिक दुर्घटना में जीवित बचे कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेसी द्वारा लिखा गया एक पत्र 60,000 पाउंड की अनुमानित कीमत से पांच गुना अधिक कीमत पर नीलाम किया गया। यह राशि 3.41 करोड़ रुपये होती है।
यह पत्र प्रथम श्रेणी के यात्री कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेस द्वारा टाइटैनिक के उत्तरी अटलांटिक में डूबने से दो दिन पहले लिखा गया था तथा आयरलैंड के कॉर्क से भेजा गया था।
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, कर्नल आर्ची ने जहाज के बारे में सतर्कतापूर्वक लिखा था। इस यात्रा के समय उनकी उम्र 54 वर्ष थी। हालाँकि उन्होंने जहाज़ की तारीफ की थी मगर उसपर कोई भी टिपणी के लिए अपने सफर के पूरा होने का इन्तिज़ार करना उन्हें ज़्यादा मुनासिब लगा। दुर्भाग्य से वह समय नहीं आया और जहाज दो दिन बाद डूब गया।
यह पत्र 10 अप्रैल 1912 को लिखा गया था जब कर्नल ग्रेसी टाइटैनिक पर सवार हुए थे। जहाज पांच दिन बाद उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकराकर टूटने से डूब गया था। इस हादसे में करीब 1,500 लोगों की जान चली गई थी।
कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेस डूबने से बच गए, लेकिन अपनी जान बचाने के लिए बर्फीले पानी में कूदने और लंबे समय तक उसमें रहने के बाद, वे बीमार हो गए और 8 महीने बाद उसी स्थिति में पीड़ित रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई।