तोक्यो। जापान में व्हेल मछलियों को मारने के लिए चलाए गए सालाना अभियान में 122 गर्भवती मिंकी व्हेल मारी गईं। जापान व्हेल मछलियों को मारने के इस विवादित अभियान को वैज्ञानिक अनुसंधान बताकर इसका बचाव करता है, हालांकि संरक्षणवादी इसे ‘जघन्य और अनावश्यक’ बताते हैं।
गत माह इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन को जापानी अधिकारियों ने एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट के मुताबिक अंटार्कटिक में करीब 4 माह चला यह अभियान मार्च में खत्म हुआ। इसके मुताबिक अभियान के दौरान 333 मिंकी व्हेल को मारा गया। जापानी रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 122 व्हेल गर्भवती थीं। मारी गईं व्हेलों में कई अवयस्क व्हेल भी थीं।
संरक्षणवादी समूह ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल ने इन आंकड़ों को चौंकाने वाला और व्हेल के शिकार को लेकर जापान के क्रूर अभियान को दुखद बताया है। मिंकी व्हेल, बलीन व्हेल की दूसरी सबसे छोटी प्रजाति है। बलीन व्हेल दंतविहीन होती हैं।
इनके ऊपरी और निचले जबड़ों में दांत नहीं पाए जाते और इनके मुख की बनावट भी ऐसी होती है कि एक बार में ये व्हेल बहुत ज्यादा पानी मुहं में खींच लेती हैं। पानी के साथ कई छोटे जीव जंतु भी आ जाते हैं।
इनके ऊपरी जबड़े में एक खास रचना पाई जाती है जिसकी मदद से बलीन व्हेल पानी के साथ आए जीव जंतुओं को निगल जाती हैं। इस रचना को ही बलीन और इन प्राणियों को बलीन व्हेल कहा जाता है।