इसरो यानी इंडियन रिसर्च स्पेस आर्गेनाइजेशन के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 की सफल लॉन्चिंग सफलतापूर्वक हो गई। आज सुबह 10 फरवरी को भारत ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी उड़ान दर्ज कर ली है। इसरो ने सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार इस मिशन की कामयाबी के साथ ही भारत को महंगी लॉन्चिंग से आजादी मिलेगी।
स्मॉल सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल SSLV-D2 की लॉन्चिंग सुबह 9.18 मिनट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र से हुई। SSLV-D2 के साथ अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-07 अंतरिक्ष में भेजा गया। यह 156.3 किलोग्राम का है। ये मिशन पेलोड के साथ लॉन्च किया गया। SSLV-D2 पृथ्वी की निचली कक्षा में 15 मिनट तक उड़ान भरेगा, जहां यह सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित करेगा।
SSLV-D2/EOS-07 Mission: Countdown begins tomorrow at 0248 hrs ISThttps://t.co/D8lncJrx8K
Watch the launch LIVE from 0845 hrs IST at https://t.co/DaHF8JKLUg https://t.co/V0ccOnT4d5https://t.co/zugXQAYy1y
from 0855 hrs IST at https://t.co/7FmnWEm1YF @DDNational pic.twitter.com/tfNWGyJNM4
— ISRO (@isro) February 9, 2023
SSLV-D2 की लॉन्चिंग का उद्देश्य छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग करना है। इसके साथ ही पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का इस्तेमाल अब तक लॉन्चिंग में बहुत ज्यादा किया जाता है।
इसरो के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 की सफल लॉन्चिंग, जानिए कैसे रचा गया है इतिहास #ISRO #SSLVD2 https://t.co/lP6j94hHOT
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) February 10, 2023
SSLV के चलते अब यह बड़े मिशन के लिए फ्री हो सकेगा। SSLV 10 से 500 किलोग्राम के ऑब्जेक्ट को 500 किलोमीटर दूर प्लैनर ऑर्बिट में ले जा सकता है।