भारत का स्पैडेक्स मिशन आज यानी 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। भारतीय समय के अनुसार यह लॉन्च रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अनुसार, इस लॉन्च को रॉकेट पीएसएलवी-सी60 के माध्यम से किया जाएगा। स्पैडेक्स का अर्थ होता है स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट। अंतरिक्ष यानों को ‘डॉक’ और ‘अनडॉक’ करने के उद्देश्य के तहत काम करने वाला यह मिशन आवश्यक तकनीक को विकसित और प्रदर्शित करेगा।
स्पैडेक्स मिशन के तहत किसी अंतरिक्ष यान को ‘डॉक’ और ‘अनडॉक’ करने की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। इस तरह से यह मिशन डॉक किए गए अंतरिक्ष यानों में ऊर्जा के हस्तांतरण को मान्य करने और अनडॉकिंग के बाद पेलोड का संचालन जैसे उद्देश्य को पूरा करेगा।
अंतरिक्ष में चेजर (एसडीएक्स01) तथा टारगेट (एसडीएक्स02) नाम के ये उपग्रह एक दूसरे से डॉक होंगे। डॉक होने की इस प्रक्रिया में यह दोनों उपग्रह जुड़े जाएंगे और जुड़ने के बाद पॉवर सप्लाई ट्रांसफ़र करेंगे।
बताते चलें कि एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान के जुड़ने की प्रक्रिया ‘डॉकिंग’ तथा अंतरिक्ष में जुड़े दो अंतरिक्ष यानों के अलग होने को ‘अनडॉकिंग’ कहते हैं।
गौरतलब है कि इसरो द्वारा इस मिशन से जुड़ा एक वीडियो एक्स पर साझा किया गया था। जिसमे 21 दिसंबर को लॉन्च पैड के माध्यम से लॉन्च व्हीकल को ले जाया गया था।
इन दोनों उपग्रहों को रॉकेट पीएसएलवी-सी60 के ज़रिए लॉन्च किया जाएगा। ये उपग्रह पृथ्वी से 470 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाएंगे। इनमें एक चेजर (एसडीएक्स01) और दूसरा टारगेट (एसडीएक्स02) नाम के जो दो छोटे अंतरिक्ष यान हैं, उनमें प्रत्येक का वज़न लगभग 220 किलोग्राम है।
इस तकनीक की सहायता से भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और संचालन के अलावा चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट के भेजने जैसी योजनाएं शामिल हैं।