धर्मशाला : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा और अंतिम टेस्ट आठ विकेट से जीतकर बतौर कप्तान अपना पहला टेस्ट खेलने वाले अजिंक्य रहाणे ने देश को गुड़ी पड़वा का तोहफा दिया है. India
धर्मशाला टेस्ट जीतने के साथ ही भारत ने मौजूदा सीरीज पर भी कब्जा कर लिया है. चार मैचों की सीरीज में टीम इंडिया ने 2-1 से यह सीरीज अपने नाम की.
भारत ने टेस्ट सीरीज दो कप्तानों की कप्तानी में जीती.
शुरुआती तीन टेस्ट में विराट कोहली टीम के कप्तान थे, लेकिन आखिरी मैच में विराट कोहली के चोटिल होने के कारण मुंबई के अजिंक्य रहाणे टीम ने टीम की कप्तानी की और भारत को जीत दिलाई.
अजिंक्य रहाणे शांत हैं, वहीं विराट आक्रामक माने जाते हैं. लेकिन इस मैच में रहाणे ने कई बड़े फैसले किए. भारतीय टेस्ट टीम के 33वें कप्तान बने रहाणे ने पहला प्रयोग चाइनामैन कुलदीप यादव के रूप में किया.
यादव ने भी पहले ही मैच में चार विकेट निकालकर कप्तान के निर्णय को सार्थक साबित किया. रहाणे ने दूसरी पारी में दो छक्के, 4 चौके सहित 27 गेंदों में नाबाद 38 रन बनाए. ग़ौरतलब है कि रहाणे ने फर्स्ट क्लास में भी कभी कप्तानी नहीं की थी.
54 टेस्ट खेलने के बाद रांची टेस्ट मैच में फील्डिंग करते हुए कोहली के कंधे पर चोट लग गई थी जिसकी वजह से वे धर्मशाला टेस्ट नहीं खेल पाए. मुंबई से 9वें कप्तान बने रहाणे ने निराश नहीं किया.
हालांकि पूरी सीरीज़ में रहाणे के बल्ले से बहुत ज्यादा रन नहीं निकले लेकिन मैच की दूसरी पारी में उन्होंने आक्रामक बैटिंग की. इसके साथ ही दूसरी पारी में अश्विन की गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब का ऐसा कैच लपका कि सब हैरान रह गए.
धर्मशाला मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ से रहाणे की कप्तानी पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि भारत कोहली के बिना भी अच्छी स्थिति में होगा.
मुझे लगता है कि अजिंक्य रहाणे शायद उनकी जगह टीम की कप्तानी करेंगे.” स्मिथ ने कहा, “पिछले मैच में जब विराट को चोट लग गई थी, तब उनकी गैरमौजूदगी में मुझे लगता है कि रहाणे ने अच्छा काम किया था. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वह अच्छी कप्तानी करेंगे.”