भारत ने इजरायल और फिलिस्तीन मामले पर संयुक्त राष्ट्र में दो राज्य समाधान का समर्थन किया है। भारत का कहना है कि ऐसा किये जाने पर फिलिस्तीन के लोग अपनी सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में सुरक्षित रह सकेंगे।
संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने अपने बयान में कहा कि भारत दो राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां फिलिस्तीन के लोग सुरक्षित सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में रह सकेंगे। साथ ही उन्होंने हमास की निंदा भी की।
रुचिरा ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के आवेदन पर पुनर्विचार करने की बात कही। भारत का फिलिस्तीन के पक्ष में दिया गया यह बयान इजरायल के लिए चौंकाने वाला है। दरअसल इजरायल के प्रधानमंत्री फिलिस्तीनी राज्य को एक खतरे के रूप में देखते हैं।
UN: संयुक्त राष्ट्र सदस्यता देने की फलस्तीन की मांग का भारत ने किया समर्थन, अमेरिका ने किया था विरोध#UnitedNations #Palestine #IndiainUN #US #RuchiraKambojhttps://t.co/BsM1XmoM9Q
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) May 2, 2024
रुचिरा कांबोज फिलिस्तीन के संयुक्त राष्ट का सदस्य बनने की बात पर भी उम्मीद जताई है और कहा कि उचित समय पर इस पर पुनर्विचार किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के फिलिस्तीन के प्रयास को समर्थन मिलेगा।
बताते चलें कि फिलिस्तीन ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, जिसे अमरीका के वीटो के चलते सफलता नहीं मिल सकी थी।
भारत का प्रतिनिधत्व करते हुए रुचिरा कांबोज ने हमास की भी निंदा की और कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के आतंकवादी हमले को सही नहीं ठहराया जा सकता है।
आगे उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत हमेशा रहा है। हम सभी बंधकों को बिना शर्त रिहाई की मांग भी करते हैं। साथ ही उन्होंने गाजा में अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय कानूनों के पालन की बात भी कही।
गाजा में लोगों की सहायता के लिए रुचिरा कांबोज का कहना था कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने गाज़ा में मानवीय सहायता तुरंत बढ़ाए जाने की जरूरत पर ज़ोर दिया और इसके लिए सभी से साथ आने का आग्रह किया।