नई दिल्ली। सफलता की एक नयी गाथा लिखते हुए भारत ने सोमवार (26 दिसंबर) अपनी सबसे मारक और परमाणु क्षमता से युक्त अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच का सफल परीक्षण किया। 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने सें सक्षम इस मिसाइल का ओड़िशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया गया, जिसकी पहुंच पूरे चीन तक होगी। INDIA
रक्षा सूत्रों ने कहा कि आज (सोमवार, 26 दिसंबर) के सफल परीक्षण से सबसे शक्तिशाली भारतीय मिसाइल के प्रायोगिक परीक्षण और अंतिम तौर पर इसे स्पेशल फोर्सेस कमांड (एसएफसी) में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि तीन चरणों वाले और सतह से सतह तक मार करने में सक्षम मिसाइल का एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लांच कांप्लेक्स चार से सुबह के 11 बजकर पांच मिनट पर मोबाइल प्रक्षेपण यान के जरिये परीक्षण किया गया। डीआरडीओ ने कहा कि करीब 17 मीटर लंबे और 50 टन वजन वाले इस मिसाइल ने अपने सभी लक्ष्यों को भेदने में सफलता प्राप्त की। अग्नि पांच 5,000 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
वर्तमान में भारत के शस्त्रागार में अग्नि मिसाइल श्रृंखला में 700 किलोमीटर के रेंज का अग्नि एक, 2000 किलोमीटर रेंज की अग्नि दो और 2500 3500 से अधिक रेंज की अग्नि तीन और अग्नि चार मिसाइल है। यह इस मिसाइल के विकास से जुड़ा चौथा और कैनिस्टर प्रकार का दूसरा परीक्षण था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री ने इस कामयाबी पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि इससे देश की सामरिक रक्षा और शक्ति संतुलन क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा।
इससे पहले 19 अप्रैल, 2012 को अग्नि पांच का पहला, 15 सितंबर, 2013 को दूसरा और 31 जनवरी, 2015 को तीसरा परीक्षण किया गया। सूत्रों ने बताया कि अग्नि श्रृंखला की यह सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें नेविगेशन, गाइडेंस, वारहेड और इंजन से जुड़ी नयी तकनीकों को शामिल किया गया है। इस दौरान स्वदेश में निर्मित कई नयी प्रौद्योगिकी का भी सफल परीक्षण किया गया। बहुत सटीक रिंग लेजर गायरो आधारित इनरशियल नेविगेशन सिस्टम (आरआईएनएस) और सबसे आधुनिक एवं सटीक माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (एमआईएनएस) ने कुछ मीटर की सटीकता से लक्ष्य भेदन को सुनिश्चित किया। INDIA