अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत लगातार गिरती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि खनौरी बॉर्डर पर अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था की जाए, जहां उनकी स्वास्थ्य की निगरानी की जा सके।
पंजाब-हरियाणा के शंभू और खरौनी बॉर्डर पर किसानों का अंदोलन जारी है। यह किसान एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर खरौनी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हैं। इनमे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत लगातार गिरती जा रही है।
जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरती सेहत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार से खनौरी बॉर्डर के पास अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था का आदेश दिया है। जहां उनके स्वास्थ्य की दिन-रात निगरानी की जा सके।
70 वर्षीय डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल के निकट स्थापित अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने के संबंध में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह कोआज एक हलफनामा देने को कहा।
गुरमिंदर सिंह ने पीठ को सूचित किया कि किसान नेता डल्लेवाल की स्वास्थ्य की स्थिति फिलहाल स्थिर है और वह सहयोग कर रहे हैं। आगे उन्होंने बताया कि गुरुवार को उनके खून के नमूने की जांच और ईसीजी के अलावा कई जांचें की गईं हैं।
पीठ ने पंजाब सरकार से इस बात पर एतराज़ जताने के साथ नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी कि उसने आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की चिकत्सीय जांच नहीं कराई। पीठ ने इसके लिए नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला का हवाला दिया और बताया कि एक दशक से अधिक समय तक चिकित्सा देखरेख में विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
याद दिला दें कि आंदोलनकारी किसानों की मांगों को मनवाने के उद्देश्य से डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।