धूम्रपान से हर साल दुनिया भर में 8 मिलियन लोगों की जान जाती है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि महज़ एक सिगरेट के पीने से स्मोकर की जिंदगी के औसत 20 मिनट घट जाते हैं। भारत में 2021 में धूम्रपान के कारण अनुमानित 1.35 मिलियन मौतें हुईं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह कुल मौतों का लगभग 17.8% है।
सामाजिक-आर्थिक और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने इस पर जो जानकारी इकठ्ठा की है उसके मुताबिक़, प्रत्येक सिगरेट पुरुषों के लिए जीवन प्रत्याशा को 17 मिनट जबकि महिलाओं के लिए 22 मिनट कम कर देती है। विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट एडिक्शन जर्नल में प्रकाशित की है।
जर्नल ऑफ एडिक्शन में प्रकाशित यह हालिया अध्ययन बताता है कि एक सिगरेट पीने से जीवन प्रत्याशा 20 मिनट कम हो जाती है, जो कि 2000 में किए गए पिछले अध्ययन में पाए गए 11 मिनट से लगभग दोगुना है।
पेपर की मुख्य लेखिका और विश्वविद्यालय में एक प्रमुख शोधसदस्य सारा जैक्सन कहती हैं, इसका मतलब यह है कि अगर कोई एक दिन में 20 सिगरेट का एक पैकेट पीता है, तो सिगरेट का प्रत्येक पैकेट उसके जीवन में लगभग सात घंटे कम कर देता है।
यूसीएल के अल्कोहल और तंबाकू शोध समूह की डॉक्टर सारा जैक्सन ने कहा कि लोग जानते हैं कि धूम्रपान हानिकारक है, लेकिन वे अकसर यह कम आंकते हैं कि यह उनके स्वास्थ्य को कितना प्रभावित करता है। उनके मुताबिक़, ऐसे धूम्रपान करने वाले जो धूम्रपान नहीं छोड़ते हैं, वे आम तौर पर लगभग 10 साल का जीवन खो देते हैं, जिसका मतलब है कि वे परिवार और दोस्तों के साथ जीवन के महत्वपूर्ण पलों से चूक जाते हैं।
अपने शोध के आधार पर उनका कहना है कि धूम्रपान जीवन के उत्तरार्ध में उतने नकारात्मक परिणाम नहीं दिखाता है, लेकिन यह पूरे जीवन काल में स्वस्थ पहलुओं को नष्ट कर देता है।
यह शोध यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग द्वारा शुरू किया गया था। इसमें ब्रिटिश डॉक्टर्स स्टडी से पुरुषों का मृत्यु दर डेटा और मिलियन वुमन स्टडी से महिलाओं का डेटा लिया गया था। ब्रिटिश डॉक्टर्स स्टडी 1951 में शुरू हुई और मिलियन वूमेन स्टडी 1996 से महिलाओं के स्वास्थ्य पर नज़र रखती है।
पिछले अध्ययनों से यह खुलासे भी हुए हैं कि, जो लोग अपने पूरे जीवन में धूम्रपान करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में, जो कभी धूम्रपान नहीं करते थे, औसतन अपने जीवन के 10 वर्ष खो देते हैं।
सारा जैक्सन कहती हैं कि धूम्रपान न केवल जीवन के बाद के वर्षों को प्रभावित करता है, जो अक्सर बीमारी से चिह्नित होते हैं, बल्कि यह मध्यम आयु में स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत को तेज करता है। उदाहरण के लिए, एक 60 वर्षीय धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को 70 वर्षीय धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।