भारत ने कनाडा के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की बात कही है। कनाडा के नए प्रधानमंत्री कार्नी भी भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं।
जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद नवनिर्वाचित मार्क कार्नी का कहना है कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं। भारत ने भी कनाडा में चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को मिली छूट को संबंधों में तनाव का कारण बताया है।
अब दोनों देश आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को फिर से बेहतर बनाना चाहते हैं। कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा के प्रमुख डैनियल रोजर्स पिछले हफ्ते टॉप वैश्विक खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए हुए थे। इसे दोनों पक्षों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों का संकेत माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उम्मीद जताई है कि वो आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को फिर से बेहतर बना सकते हैं। रणधीर जायसवाल अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
यह हालात ट्रुडो के सत्ता से बाहर होने के बाद बने हैं। उनके बाहर होने को द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इसके लिए पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने फिर से संपर्क स्थापित करने के साथ दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
भारत और कनाडा के बीच संबंध में खटास उस समय आ गई थी जब सितंबर 2023 में ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता को लेकर आरोप लगाए गए थे।
बताते चलें कि दोनों देशों के मध्य बीते साल की दूसरी छमाही में संबंध और भी बिगड़ते गए जब ओटावा ने निज्जर की हत्या में उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों को शामिल किया।
तनाव बढ़ने पर भारत ने पिछले अक्टूबर में पांच राजनयिकों को वापस बुला लिया था। साथ ही भारत ने नई दिल्ली से समान संख्या में कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया था।