वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक विरोधी कानूनों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह चर्च में एलजीबीटीक्यू लोगों का स्वागत करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘एपी’ को दिए एक साक्षात्कार में पोप फ्रांसिस ने कहा कि समलैंगिक होना कोई अपराध नहीं है और इसे अपराध ठहराने वाले कानून अन्यायपूर्ण हैं।
दुनिया भर के लगभग 67 देश समलैंगिकता को अपराध मानते हैं और उनमें से 11 इसके लिए मृत्युदंड देते हैं।
पोप फ्रांसिस ने कहा कि ईश्वर अपने सभी बच्चों को वैसे ही प्यार करते हैं जैसे वे हैं। इसलिए, वे समलैंगिकों के खिलाफ किसी भी भेदभावपूर्ण कानून का विरोध करेंगे। इस अवसर पर पोप फ्रांसिस ने स्वीकार किया कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कैथोलिक बिशप समलैंगिकता को पाप मानते हैं और इसे अपराध के रूप में मान्यता देने वाले कानूनों का समर्थन करते हैं।
हालाँकि, उन्होंने ऐसे कैथोलिक बिशपों के इन दृष्टिकोणों को सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इन बिशपों को प्रत्येक (लिंग) की गरिमा को पहचानने के लिए बौद्धिक परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
पोप फ्राँसिस ने जोर देकर कहा कि समलैंगिकता को अपराध ठहराने वाले धर्माध्यक्षों को दया, क्षमा और दया के साथ कार्य करना चाहिए, जिस प्रकार ईश्वर हम में से प्रत्येक के लिए दयालु हैं।
गौरतलब है कि दुनिया भर के लगभग 67 देश समलैंगिकता को अपराध मानते हैं और उनमें से 11 इसके लिए मृत्युदंड देते हैं।