रायपुर। माओवादियों से निपटने के लिए नई रणनीति बनेगी। सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए माओवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में अर्धसैनिक बलों के 25 जवान शहीद हो गए। सरकार ने वादा किया है कि माओवादियों के खिलाफ उनकी रणनीति की दोबारा समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि आनेवाले दिनों में गुरिल्लाओं के खिलाफ अभियान को मजबूती और तेजी के साथ छेड़ना होगा। सुकमा हमले के बाद केन्द्र और राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया है कि नक्सिलियों के खिलाफ मजबूती के साथ मुक़ाबला किया जाएगा।
सुकमा हमले के एक दिन बाद मंगलवार की सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।” उन्होंने कहा कि सभी नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ 8 मई को नई दिल्ली में बैठक की जाएगी ताकि इन माओवादियों को जड़ से उखाड़ने के रास्ते तलाशे जाएं। नक्सली हमले में मारे गए सीआरपीएफ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, हम नक्सलियों से निपटने के लिए अपनाई गई रणनीति की दोबारा समीक्षा करेंगे और अगर जरुरत पड़ी तो फिर से देखेंगे।
सरकार नक्सलियों के खिलाफ दो तरह की रणनीति अपनाती रही है- सशस्त्र अभियान के साथ ही विकास की गतिविधियां। जैसे- नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य केन्द्र और विद्यालय की स्थापना।