सुप्रीम कोर्ट तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई करेगा। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच करेगी।
बुधवार को महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें अनुरोध पर जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया था।
महुआ मोइत्रा ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में अपने निष्कासन के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत “अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाना” बताया था। महुआ मोइत्रा ने इस निष्कासन के तुरंत बाद कहा था कि नैतिकता पैनल के पास उन्हें निष्कासित करने की शक्ति नहीं है।
महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि “संसदीय प्रश्नों के लिए नकद” लिए जाने के कारण उनका निष्कासन हुआ है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस कथित आरोप में घोषणा करते हुए, कहा था कि यह सदन समिति के निष्कर्षों को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। आगे उन्होंने कहा कि उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस नेता #MahuaMoitra ने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। #SupremeCourt आज सुनवाई करेगा। https://t.co/KztwNwUyuh
— Navjivan (@navjivanindia) December 15, 2023
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से सांसद मोइत्रा को इसी महीने की 8 तारिख को संसद के निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था। पैसे लेकर सवाल पूछने केआरोप पर उनके खिलाफ कार्रवाई आचार समिति की जांच के बाद की गई थी।
महुआ मोइत्रा ने इस निष्कासन के तुरंत बाद कहा था कि नैतिकता पैनल के पास उन्हें निष्कासित करने की शक्ति नहीं है। आगे उन्होंने ये भी कहा था कि व्यवसायी से नकदी स्वीकार करने का “कोई सबूत नहीं” है, जो कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और उनके पूर्व साथी जय अनंत देहाद्राई द्वारा लगाया गया मुख्य आरोप था।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर से उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने के साथ जांच की मांग की थी। उनका दावा था कि वकील जय अनंत देहादराई द्वारा मामले के सबूत प्रदान किए गए थे।
महुआ पर यह आरोप है कि कारोबारी हीरानंदानी अलग-अलग लोकेशन से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की ‘लॉगइन आईडी’ का इस्तेमाल करते थे।
लोकसभा स्पीकर को दी जानकारी में निशिकांत का कहना था कि मोइत्रा द्वारा संसद में पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे। हालांकि, महुआ मोइत्रा का कहना है कि ये आरोप झूठ पर आधारित थे। इन आरोपों के सामने आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने पूरा मामला आचार समिति के पास भेज दिया था।