सरकार कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के दावे को लगातार नकारती रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड की मौतों की जांच करने की बात अब सामने आई है। जिससे पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट में सिफारिश की है।
संसद की स्थायी समिति द्वारा प्रस्तुत इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि मंत्रालय को राज्यों के साथ समन्वय कर ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों का ऑडिट करना चाहिए साथ ही कोविड से होने वाली मौतों के ठोस दस्तावेज सबके सामने लाने चाहिए। सिफारिश में इसे सरकार की वास्तविक उत्तरदायी और जिम्मेदार भावना बताया।
इस ऑडिट के सामने आने पर नीति के सतर्क सूत्रीकरण के साथ स्थितिजन्य स्वास्थ्य आपातकालीन देखभाल के क्षेत्र में भी सहायता मिलेगी। समिति इस सम्बन्ध में कहती है कि इस मामले में वह सरकारी एजेंसियों से अधिक पारदर्शिता और अधिक जवाबदेही की उम्मीद करती है। मंत्रालय द्वारा ऑक्सीजन से प्रभावित कोविड मौतों की जांच सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।
संसदीय स्थायी समिति ने “वैक्सीन विकास, वितरण प्रबंधन और कोरोना महामारी की गंभीरता के उपाय” पर अपनी 137वीं रिपोर्ट में यह सिफारिश की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इससे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की पुष्टि के सम्बन्ध में अनुरोध किया था। इसके जवाब में 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जवाब मिला था कि ऑक्सीजन की कमी के चलते इन राज्यों में कोई मौत नहीं हुई है। ऐसे में समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि मंत्रालय को राज्यों के साथ समन्वय करते हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों का ऑडिट करना चाहिए।
Deaths Audit: संसदीय पैनल ने कहा- दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों का ऑडिट करे सरकार#CoronaDeaths #OxygenShortage #Covid19 @MoHFW_INDIAhttps://t.co/SLpryA3nD6
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) September 12, 2022
संसदीय स्थायी समिति ने “वैक्सीन विकास, वितरण प्रबंधन और कोरोना महामारी की गंभीरता के उपाय” पर अपनी 137वीं रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। इसके लिए समिति सरकार को अपनी कूटनीति पर विचार करने के लिए दृढ़ता से अनुशंसा करती है ताकि वह कोविड-19 की उत्पत्ति की पहचान करने के लिए और अधिक अध्ययन करें और दोषियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दंडित करें।