अगर सवाल किया जाए कि क्या सचमुच हमारे शरीर में सोना है? तो इसका उत्तर हां होगा। यह सच है कि हमारे शरीर में थोड़ी मात्रा में सोना होता है मगर यह भी हकीकत है कि शरीर में पाए जाने वाले इस सोने की मात्रा बेहद कम होती है।
मानव शरीर में सोना ज्यादातर रक्त और कोशिकाओं में पाया जाता है। यह शरीर के जैव रासायनिक संतुलन (biochemical balance) में बहुत छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विज्ञान कहता है कि एक सामान्य मानव शरीर में लगभग 0.2 मिलीग्राम (0.0000002 किलोग्राम) सोना होता है। यह मात्रा इतनी छोटी है कि यदि आपके पूरे शरीर से सारा सोना निकाल लिया जाए तो वह संभवतः एक छोटे कण के बराबर होगा।
शरीर मो मौजूद यह सोना रक्त में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है, जहां यह कोशिकाओं में एंजाइम्स से बंधा होता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों और हड्डियों के कुछ अणुओं में सूक्ष्म स्तर पर मौजूद होता है।
सोने का उपयोग हमारे शरीर में रासायनिक प्रतिक्रियाओं में किया जाता है, उदाहरण के लिए- कोशिकाओं में विद्युत संतुलन बनाए रखना, एंजाइमों के कार्य में मदद करना, तथा सूजनरोधी प्रभाव में भी यह प्रभावी है। यही कारण है कि सोने का उपयोग कभी-कभी जोड़ों के दर्द (रुमेटॉइड अर्थराइटिस) के लिए किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2022 में पृथ्वी पर लगभग 8 बिलियन लोग थे। यदि हम प्रत्येक व्यक्ति के भीतर 0.2 मिलीग्राम सोना एकत्र करते हैं, तो हम लगभग 1,600 किलोग्राम इकट्ठा करेंगे। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, यह राशि लगभग 128 मानक सोने की छड़ों के बराबर होगी, जिनमें से प्रत्येक का वजन 12.5 किलोग्राम होगा।