इजरायल-हमास के बीच जारी जंग में हालत और भी खराब होते जा रहे हैं। इस दौरान मानवीय आधार पर गाजा में सीज़फायर का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया। ये प्रस्ताव जॉर्डन की ओर से प्रस्तुत किया गया था। फैसले के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता थी
संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट पड़े जबकि विरोध में केवल 14 वोट पड़े। भारत सहित कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन के अलावा 45 देशों ने इस मतदान प्रक्रिया से खुद को बाहर रखा।
गौरतलब है कि भारत ने हमेशा इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के लिए बातचीत के जरिए ‘दो देश समाधान’ का समर्थन किया है।
बीते दो सप्ताह में सुरक्षा परिषद द्वारा चार बार कार्रवाई करने में असफलता मिलने के बाद महासभा ने मतदान किया। प्रस्ताव पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता थी।
इस युद्ध के दौरान लोगों के खिलाफ नरसंहार को रोकने के उद्देश्य से ये प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही इस प्रस्ताव का मक़सद गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाना भी है।
गाजा में सीजफायर का प्रस्ताव UN में हुआ पास, 120 देशों ने किया समर्थन; भारत का क्या रहा रूख?#IsraelHamasWar #IsraelHamas #WorldNewshttps://t.co/aZzTyjs1If
— Dainik Jagran (@JagranNews) October 28, 2023
यूएन की बैठक में हमास का पूरी तरह से खात्मा किये जाने के ज़िक्र के साथ जो अन्य बातें सामने आयीं उनमें इजराइल की रक्षा का मामला भी था। बैठक में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि हम हमास को इस तरह के अत्याचार करने की इजाजत देकर चुपचाप नहीं बैठेंगे। आगे उन्होंने कहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है जहाँ अधिकार का मतलब यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह के अत्याचार कभी नहीं दोहराए जाएं।
आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का दृष्टिकोण अपनाते हुए यूएन में भारत ने इस मुद्दे पर मतभेदों और विवादों को बातचीत के जरिए हल किये जाने का पक्ष रखा। भारत ने बंधक बनाए गए लोगों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कीं और तत्काल बिना शर्त उनकी रिहाई का आह्वान किया।
#IsraelHamasWar जारी है। इस बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम के लिए जॉर्डन की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया। संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट और विरोध में केवल 14 वोट पड़े। https://t.co/90ynL5DOA0
— Navjivan (@navjivanindia) October 28, 2023
अपने बयान में भारत ने कहा कि गाजा में जारी संघर्ष के दौरान हो रही मौतें एक गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। नागरिक, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं।