नई दिल्ली: पहले ही महंगाई की मार झेल रहे देश के लोगों के लिए एक और बुरी खबर है। लोगों के किचन के बजट पर केन्द्र सरकार के एक कदम से भार बढ़ने वाला है। केन्द्र सरकार ने तेल कंपनियों से कहा है कि वे रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में प्रति माह 4 रुपए की बढ़ोतरी शुरू कर दें।
तेल कंपनियों को ऐसा तब तक करने को कहा गया है जब तक रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) पर दी जा रही सब्सिडी पूरी तरह से खत्म न हो जाए।
– पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार(31 जुलाई) को लोकसभा में कहा कि सरकार ने पिछले साल सब्सिडी पर मिलने वाले सिलेंडरों के दाम हर महीने दो रुपये बढ़ाने को कहा था।
– मगर अब यह बढ़ोतरी चार रुपए की कर दी गई है।
– अब केन्द्र सरकार ने रसोईं गैस की सब्सिडी के बोझ को कम करने की रफ्तार दो गुनी कर दी है।
– अभी केन्द्र सरकार 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर लगभग 87 रुपये की सब्सिडी देती है।
– सरकार ने यह कदम पेट्रोल, डीजल समेत सभी तेल उत्पादों से सरकारी सब्सिडी को खत्म करने के लिए उठाया है।
केन्द्र सरकार की तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, हिन्दुुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने गैस सिलेंडर की कीमत में चार रुपये का इजाफा करना शुरू कर दिया है। सरकार की योजना मार्च 2018 तक रसोई गैस पर सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की है। सिलेंडर की कीमत में चार रुपये प्रति माह की कटौती के लिए कोई डेडलाइन भी तय नहीं की गई है। माना जा रहा है कि यह कटौती तब तक जारी रह सकती है जब तक सब्सिडी पूरी तरह से शून्य पर नहीं पहुंच जाती।
मार्च तक बढ़ जाएगी 32 रुपये कीमत
– चार रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी के हिसाब से अगले साल मार्च तक सिलेंडर की कीमत 32 रुपये बढ़ जाएगी।
– अभी हर एलपीजी सिलेंडर पर साल भर में 12 सिलेंडर सब्सिडी रेट पर मिलते हैं।
– उसके बाद उपभोक्ताओं को बाजार की दरों पर सिलेंडर खरीदना पड़ता है।
– कंपनियां 10 मौकों पर दाम बढ़ा सकती थीं।
श्री प्रधान ने बताया कि इस संबंध में सरकार ने इसी मई में अपने ऑर्डर में कंपनियों से कहा है कि वे एक जून से लेकर मार्च, 2018 तक या अगले आदेश तक हर महीने प्रति सिलेंडर चार रुपये कीमत बढ़ा सकती हैं। देश में मौजूदा समय में 18.12 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं। इनमें से लगभग 2.5 करोड़ गरीब उपभोक्ता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बीते एक साल के दौरान एलपीजी कनेक्शन दिया गया है। सब्सिडी का लाभ न लेने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 2.66 करोड़ है।