लखनऊ : पार्टी के बीच गठबंधन की खबर जहां सुर्खियों में थी, वहीं बीजेपी ने एक मास्टर स्ट्रोक चलकर सबको हैरान कर दिया। बीजेपी ने अमेठी जिले से रानी गरिमा सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया, रानी बीजेपी के टिकट पर राजनीति में अपना डेब्यू करेंगी। garima singh
रानी गरिमा कांग्रेस प्रचार कमिटी के अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद संजय सिंह की पत्नी हैं।
हालांकि रानी राजनीति में काफी देर बाद अपनी किस्मत आजमाने उतर रहीं हैं, लेकिन राजनीति उनके खून में है।
गरिमा सिंह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की भतीजी हैं और शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
पति के दूसरी महिला से विवाह के बाद से उनके साथ अमेठी के स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन है।
कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से रानी की चुनावी दावेदारी के साथ कई जटिलताएं जुड़ी हैं। पारिवारिक झगड़े और जिले के राजनैतिक हालात के बीच इस सीट से जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।
लंबे समय तक अमेठी से बाहर रहने के बाद गरिमा जुलाई 2014 में परिवार के भूपति भवन लौटीं। अब तक दूसरी पत्नी अमीता से संजय सिंह के बच्चों और रानी गरिमा, उनके बेटे अनंत विक्रम, बेटियां महिमा और शैव्या परिवार पर कंट्रोल की लड़ाई लड़ रहे हैं।
एक तरफ कांग्रेस ने जहां इस शाही परिवार के अंदरूनी झगड़े से दूरी बनाए रखी, बीजेपी ने इसे राजनैतिक मौके की तरह देखा और 2016 में रानी गरिमा के बेटे विक्रम और बेटी गरिमा सिंह को बीजेपी में शामिल करने में कामयाब रही।
हालांकि पहले रानी राजनीति में उतरने की इच्छुक नहीं थीं, लेकिन अब वह भी तैयार हो गईं। 2017 के विधानसभा चुनाव रानी की किस्मत पलटने वाले साबित होंगे तो बीजेपी उन्हें मैदान में उतारकर 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए लंबा दांव चल रही है। पार्टी की नजर तीन बार से अमेठी से सांसद राहुल गांधी पर है, जिन्हें रानी के जरिए मात देने की तैयारी की तरह देखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से टक्कर लेने के लिए बीजेपी ने स्मृति इरानी को उतारा था, लेकिन वह सीट पर कब्जा नहीं कर पाईं। हालांकि रानी के लिए यह राजनीति के शुरुआती दिन हैं और यह स्थानीय लोगों के लिए रानी-बनाम-रानी की लड़ाई होगी।