दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सी-40 जलवायु सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। मंगलवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने इस दौरे के लिए केजरीवाल को राजनीतिक मंजूरी देने से मना कर दिया। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल मंगलवार को दोपहर दो बजे सम्मेलन के लिए रवाना होने वाले थे।
अरविंद केजरीवाल सम्मेलन में भारत की आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले थे। सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम को सम्मेलन में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। सम्मेलन में केजरीवाल दिल्ली में आप सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों समेत कई अन्य मुद्दों पर संबोधित करने वाले थे।
पिछले हफ्ते केजरीवाल के डेनमार्क दौरे के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सभी सूचनाओं को ध्यान में रखकर कोई भी फैसला लिया जाएगा। विदेश के मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मैं राजनीतिक मंजूरी के लिए सवालों का जवाब नहीं देना चाहता। यदि आप समझदार हैं तो आपको इस की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी होगी। हमें हर महीने मंत्रालयों, सचिवों, नौकरशाहों से राजनीतिक मंजूरी के लिए सैकड़ों अनुरोध मिलते हैं। एक निर्णय कई सूचनाओं पर आधारित होता है।
रवीश कुमार ने कहा कि सम्मेलन की प्रकृति का भी ध्यान रखा जाता है जहां व्यक्ति भाग लेने जा रहा है। अन्य देशों की भागीदारी के स्तर को भी ध्यान में रखकर इस तरह के निमंत्रण को भी मंजूरी दी जाती है। 22 सितंबर को दिल्ली सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के आप सरकार के प्रयासों और अनुभव को शिखर सम्मेलन में साझा करने की उम्मीद थी। आप सरकार के प्रयासों की बदौलत दिल्ली के वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसेबहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल होगी। लोग क्या सोचेंगे कि हमारी संघीय संरचना कैसे काम करती है। केंद्र सरकार हमारे खिलाफ क्यों है?