लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जबरदस्त जीत के बाद आदित्यनाथ योगी सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती अपने चुनावी वादे को पूरा करने की है. Farmers
उसमें भी किसानों की कर्ज माफ़ी का मुद्दा सबसे अहम है. अगर राज्य सरकार सिर्फ़ छोटे और मंझौले किसानों के कर्ज को माफ़ करने का फ़ैसला लेती है तो राज्य सरकार पर 36,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा.
यानी राज्य की कुल आमदनी का 8 फीसदी हिस्सा.
क़र्ज़ माफ़ हुआ तो 36,000 करोड़ का बोझ राज्य सरकार पर आएगा. राजस्व में लगभग 8 प्रतिशत की कमी आएगी. उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ऐसा करती है और वह भी केंद्र सरकार की मदद से करती है तब दूसरे राज्य के किसान भी यही मांग करेंगे.
देश में 12.60 लाख करोड़ का कृषि लोन है. 7.75 लाख करोड़ फ़सल लोन के मद में किसानों को दिया गया है. 4.85 लाख करोड़ टर्म लोन के नाम पर किसानों को दिया गया है.
किस बैंक का कितना क़र्ज़ :-
स्थानीय और ग्रामीण बैंक : 1.45 लाख करोड़
कॉपरेटिव बैंक : 1.58 लाख करोड़
कॉमर्शियल बैंक : 9.57 लाख करोड़
किस राज्य में किसानों के नाम पर कितना कर्ज है आइए समझें. अगर टॉप पांच राज्यों की बात की जाए तो कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार :-
उत्तर प्रदेश: 79,08100 करोड़
महाराष्ट्र: 40,67,200 करोड़
राजस्थान: 40,05,500 करोड़
आंध्र प्रदेश: 33,42,100 करोड़
पश्चिम बंगाल: 32,78,700 करोड़
कर्नाटक: 32,77,500 करोड़
बिहार: 30,15,600 करोड़
मध्यप्रदेश: 27,41,400 करोड़
तमिलनाडु: 26,78,000 करोड़
ओडिशा: 25,83,000 करोड़