इतिहास गवाह है कि बंगाल हमेशा से ही धर्म निरपेक्ष रहा है, लेकिन आज यहां पैदा हुई अशांति के लिए आरएसएस और हिंदुत्ववादी संगठन जिम्मेदार हैं।
यहां समाजीकरण की राजनीति चल रही है। कुछ इसी अंदाज में एक बार फिर नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने हिंदुत्ववादी संगठनों पर निशाना साधा।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, महानगर कोलकाता में इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत किए अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने बंगाल और बंगालीत्व पर अपनी बातें रखते हुए कहा कि जिस प्रकार मगधी और प्राकृत की उत्पत्ति का इतिहास लोगों को अपनी ओर से आकर्षित करता है, ठीक उसी प्रकार रवींद्रनाथ से लेकर मुकुंद राम की चंडीमंगल भी हमे अपनी ओर आकर्षित करती है।
नवाबकाल से लेकर ब्रिटिशकाल तक का इतिहास गवाह है कि यहां कभी भी सांप्रदायिक ताकतों को प्रश्रय नहीं मिला। इस राज्य के विकास में हिंदु और मुसलमान दोनों का समान योगदान रहा है।
लेकिन आज आरएसएस सरीखे हिंदुत्व वादी संगठन यहां अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में बंगाली और बंगालीत्व को संरक्षित करने और धर्मनिरपेक्षता के इतिहास को बनाए रखने के लिए आम लोगों को समाजीकरण की राजनीति को अनदेखा कर इन ताकतों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है, तभी बंगाल की रक्षा संभव है।