वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पौधों की क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से नए तरीकों की खोज भी शुरू कर दी गई है।
अमरीकी शहर सैन डिएगो स्थित साल्क इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं की एक टीम इस मिशन में जुटी है। यह टीम एक अध्ययन के ज़रिए पौधों की जड़ों की कार्बन आसवन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है।
वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण जिसे स्लीप (SLEAP) कहा जाता है, इसे मूल रूप से जानवरों की गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। बाद में साल्क फेलो टैल्मो परेरा और प्रोफेसर वोल्फगैंग बुश ने इसे पौधों की जड़ों के विश्लेषण के लिए ढाल लिया।
नवीनतम शोध प्लांट फेनोमिक्स में प्रकाशित हुआ था जिसमे
कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों के लिए नए प्रोटोकॉल पेश किए गए। इसमें जड़ों के गुणों को इतनी सटीकता से मापा गया कि इसे पहले समझना मुश्किल था।
Professor Wolfgang Busch and Salk Fellow Talmo Pereira collaborate on a novel application of Pereira's artificial intelligence (AI) software, SLEAP, to analyze plant root systems. The new application of SLEAP will accelerate Salk's Harnessing Plants Initiative mission to design… pic.twitter.com/IWNsDNaVxq
— Salk Institute (@salkinstitute) April 24, 2024
टैल्मो परेरा ने कहा कि वैज्ञानिक सिर्फ क्षेत्र साझा नहीं कर रहे हैं
बल्कि वो उनका विस्तार कर रहे हैं और ऐसी चीज़ बना रहे हैं
जो उनके व्यक्तिगत योगदान से कहीं आगे जाएगा।
अध्ययन के मुख्य लेखक एलिजाबेथ बेरिगन ने कहा कि स्लीप-रूट्स के साथ, वैज्ञानिकों ने पहले की तुलना में 1.5 गुना तेजी से रूट सिस्टम की पहचान की, अपने एआई मॉडल को 10 गुना तेजी से प्रशिक्षित किया, और नए डेटा को 10 गुना तेजी से गुणा करने की भविष्यवाणी की।
टीम ने सोयाबीन, चावल और कैनोला जैसी महत्वपूर्ण फसलों सहित कई पौधों पर इस विधि का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।