एक अध्ययन से पता चला है कि हर साल लगभग 844 मिलियन वेपिंग उपकरण कचरे में फेंक दिए जाते हैं।
ई-कचरे के अदृश्य पहाड़ में न केवल वेप्स बल्कि खिलौने, चार्जिंग केबल, कंप्यूटर माउस और हेडफ़ोन भी शामिल हैं। इस कचरे को अदृश्य कहा जाता है क्योंकि उपभोक्ता इसे बिना सोचे-समझे कूड़ेदान में फेंक देते हैं।
मटेरियल फोकस के हालिया शोध के अनुसार, यूके में फेंके जाने वाले वेप्स की वार्षिक संख्या 2022 की तुलना में 2023 में चौगुनी हो जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अनुसार, इन वस्तुओं में लिथियम और तांबा जैसी कीमती धातुएँ होती हैं। इन धातुओं का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टरबाइन और बैटरी बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल लगभग 9 मिलियन टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा फेंक दिया जाता है। अनुमान के मुताबिक, लगभग 1.8 बिलियन कंप्यूटर कीबोर्ड और माउस, 91 मिलियन रिमोट कंट्रोल और हेडफोन और 3.2 बिलियन इलेक्ट्रॉनिक खिलौने फेंक दिए जाते हैं।
Around 844 MILLION vapes are dumped worldwide every year – equivalent in weight to six Eiffel Towers, figures reveal https://t.co/xMKafWvsZa pic.twitter.com/DPMdoj1odE
— Mail+ (@DailyMailUK) October 12, 2023
कचरे में फेंके गए वेप्स की वास्तविक संख्या 2020 में संयुक्त राष्ट्र के अनुमान से कहीं अधिक है। दुनियाभर में वेप का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। मटेरियल फोकस के हालिया शोध के अनुसार, यूके में फेंके जाने वाले वेप्स की वार्षिक संख्या 2022 की तुलना में 2023 में चौगुनी हो जाएगी।
अध्यन ये भी बताता है कि वेप रीसाइक्लिंग सुविधाएं नियमित रूप से प्रदान नहीं की जाती हैं और परिषदों ने चेतावनी दी है कि फेंके गए गैजेट आग का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा शोध में यह भी पाया गया कि पिछले साल 95 करोड़ किलोग्राम तार जिसमें कीमती और आसानी से रिसाइकल होने वाला तांबा था, उसे फेंक दिया गया। तार की इतनी मात्रा को पृथ्वी के चारों ओर 107 बार लपेटा जा सकता है।
अदृश्य कहा जाने वाला ये ई कचरा विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक़ ऐसा कचरा है जिसे उपभोक्ता इसे बिना सोचे-समझे कूड़ेदान में फेंक देते हैं। जिस रफ़्तार से दुनियाभर में वेप का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, अभी उसके निस्तारण को लेकर उतनी योजनाएं अस्तित्व में नहीं हैं। मौजूदा समय की ऐसी समस्या है जिसमे हर दिन इज़ाफ़ा होना है।