दुती ने भुवनेश्वर से को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ मैं अक्टूबर से एक टीम बनाकर अभ्यास कर रही थी जिसमें कोच, सहायक कोच, ट्रेनर , रनिंग पार्टनर समेत 10सदस्यों की टीम थी और हर महीने उन पर साढे चार लाख रूपये खर्च हो रहा था जिसमें मेरी खुराक भी शामिल थी।अब तक 30 लाख रूपये खर्च कर चुकी हूं।’’
नयी दिल्ली।‘‘ कोरोना महामारी से ओलंपिक की तैयारियों पर खर्च हुआ मेरा पूरा पैसा, समय सब बर्बाद हो गया और अब मुझे नये सिरे से शुरूआत के लिये मदद मिलेगी या नहीं, यह भी तय नहीं है,’’यह कहना है एशियाई खेलों की दोहरी रजत पदक विजेता भारत की शीर्ष फर्राटा धाविका दुती चंद का। कोरेाना वायरस महामारी और उसके बाद दुनिया भर में लागू लॉकडाउन के कारण खेल ठप होने से न सिर्फ ओडिशा की इस एथलीट की तैयारियों को झटका लगा बल्कि कोचों और विदेश में प्रशिक्षण की व्यवस्था पर अपनी जेब से तीस लाख रूपये भी खर्च करना पड़ा।
दुती ने भुवनेश्वर से को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ मैं अक्टूबर से एक टीम बनाकर अभ्यास कर रही थी जिसमें कोच, सहायक कोच, ट्रेनर , रनिंग पार्टनर समेत 10 सदस्यों की टीम थी और हर महीने उन पर साढे चार लाख रूपये खर्च हो रहा था जिसमें मेरी खुराक भी शामिल थी। अब तक 30 लाख रूपये खर्च कर चुकी हूं।’’ जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 100 मीटर की रजत पदक विजेता दुती खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा नहीं है। उनका प्रायोजन ओडिशा सरकार और केआईआईटी कर रहे थे लेकिन वह तोक्यो ओलंपिक 2020 तक ही था।