चुनावी मौसमे में नेताओं की जुबान बेकाबू होने लगती है और फिर वे अपने भाषण में विपक्षी पार्टी के नेताओं और उम्मीदवारों के लिए अपशब्द बोल जाते हैं. इसे लेकर इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि भाषण के दौरान विरोधियों के लिए पागल और मेंटल जैसे शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाए.
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं की बयानबाजी कई बार सीमा लांघ जाती है और इसी पर काबू करने के मकसद से इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी (IPS) ने चुनाव आयोग में शिकायत की है. खासकर भाषणों में किसी दूसरे नेता या व्यक्ति के लिए ‘पागल’ और ‘मेंटल’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की शिकायत आयोग की गई है. अब चुनाव आयोग इस शिकायत पर विचार कर ये तय करेगा कि आम चुनाव में किसी भी पार्टी के नेता या उम्मीदवार भाषण के दौरान विरोधियों के लिए पागल या मेंटल शब्द का इस्तेमाल कर सकेंगे या बिल्कुल भी नहीं.
द इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी (IPS) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचारक, नेता या उम्मीदवार द्वारा पागल या मेंटल शब्द के इस्तेमाल पर रोक की मांग की है. द इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी ने निर्वाचन आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा कि पागल या मेंटल शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टी के नेताओं और उम्मीदवारों द्वारा दूसरे पार्टी के नेताओं और उम्मीदवारों को नीचा दिखाने के लिए किया जाता है.
सोसायटी का कहना है कि इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल अपमानजनक है. सोसायटी ने अपने पत्र में कहा है कि अक्सर पार्टी के नेता या उम्मीदवार द्वारा पागल, मेंटल, इसे पागलखाने भेज दो और मानसिक विक्षिप्त जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इन लोगों का काम जनता का प्रतिनिधित्व करना होता है. ऐसे में चुनाव आयोग लोकसभा पार्टी के नेता या उम्मीदवार द्वारा ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाए. उम्मीद है कि इसी हफ्ते चुनाव आयोग अपनी बैठक में इस पर विचार करेगा.